- मंडी से रिटेल तक दो से तीन गुना बड़े प्याज के दाम

- मंडी में 10 से 30 रुपए किलो बिकी प्याज

- रिटेल में 60 रुपए किलो तक बिक रही है प्याज

- नासिक-इंदौर में भारी बारिश के चलते कम हुई आवक

- पिछले तीन में महीने में 30 टन से 10 टन रह गई आवक

Meerut : प्याज ने एक बार फिर से अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जी हां, अब प्याज काटने पर नहीं बल्कि प्याज का नाम और कीमत सुनकर ही लोगों के आंसू निकल रहे हैं। आम आदमी के किचन से प्याज लगभग गायब हो चुका है। प्याज के दामों में रिकॉर्डतोड़ उछाल से सिटी में प्याज की खपत आधी से कम रह गई है। दाम 60 रुपए किलो पहुंच जाने से होटल्स और रेस्तरां से भी प्याज लगभग गायब है। ग्रेवी में प्याज की जगह बाकी चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं मंडी और रिटेल प्याज के व्यापारी प्याज के रेट ज्यादा होने का असल कारण मानसून में ज्यादा बारिश को मान रहे हैं।

थोक में 40 रुपए किलो

सिटी की मार्केट व रेस्तरां और होटल, क्लबों और घरों में प्रति दिन करीब 300 क्विंटल प्याज खप जाता था, लेकिन रेट बढ़ने से प्याज की खपत आधी से कम हो गई है। नवीन मंडी में प्याज की आढ़त के मालिक नफीस अहमद ने बताया कि मंडी में अभी भी प्याज के तीन रेट्स हैं। मंडी में प्याज 30 रुपए से लेकर 50 रुपए तक बिक रहा है। जबकि तीन महीने पहले यही प्याज की कीमत 8 से 15 रुपए किलो है। वहीं तीन महीने पहले तक प्याज की आवक 30 टन थी। मौजूदा समय में आवक 8 से 10 टन रह गई है।

रिटेलर कमा रहे मुनाफा

होलसेल मंडी से रिटेल सब्जी मंडी शॉपकीपर के पास प्याज जिस रेट में पहुंच रहा है वो महंगाई का सहारा लेकर और महंगे दाम पर प्याज बेच रहा है। सब्जीमंडी में प्याज 30 से 40 रुपए में पहुंच रहा है तो सब्जीवाला उसे 60 से लेकर 80 रुपए किलो तक बेच रहा है। फुटकर सब्जी विक्रेता इस महंगाई का जबरदस्त फायदा उठा रहे है। वहीं 3 महीने पहले की बात करें तो प्याज की कीमत 20 रुपए से लेकर 35 रुपए तक बिक रहा था।

तीन जगहों से आ रही प्याज

अगर मेरठ में प्याज की आवक की बात करें तो तीन जगहों से सबसे ज्यादा आती है। नासिक, इंदौर और राजस्थान सबसे अहम हैं। आढ़ती लोकेश की मानें नासिक से ही रेट तय होकर आते हैं। अब आवक ही कम है तो पीछे से रेट हाई होकर आ रहे हैं। इसमें आढ़ती और बाकी रिटेल लोग आखिर क्या कर सकते हैं।

बारिश बनी इस बार वजह

नवीन मंडी के प्याज के आढ़ती वसीम अहमद ने बताया कि पिछले कुछ समय से राजस्थान, नासिक और इंदौर में काफी बारिश हुई है। जिससे प्याज की फसल काफी बर्बाद हुई है। ऐसे में प्याज की पैदावार में काफी फर्क पड़ा। जब पैदावार ही कम हुई है तो कीमतें बढ़ना लाजिमी है।

प्याज का सफरनामा

कंट्री के ज्यादातर हिस्से में प्याज की सप्लाई नासिक की मंडी से की जाती है। नासिक के आसपास प्याज की जबरदस्त पैदावार होती है। देवला, लासलगांव, पीपलगांव, उमराना आदि एरिया से नासिक की मंडी प्याज पहुंचता है। यहां से प्याज देश के दूसरे स्टेट में सप्लाई किया जाता है। नासिक में जब तक प्याज के रेट कम नहीं होंगे तब तक प्याज के रेट कहीं कम नहीं होंगे।

सलाद से प्याज लापता

प्याज का सबसे ज्यादा यूज बर्गर, वेज बिरियानी, चाउमीन, डोसा और फ्राइड राइस में किया जाता है। इसके अलावा प्याज का यूज आम लोग सलाद के रूप में करते हैं। जब से प्याज के रेट बढ़े हैं तभी से होटल व रेस्तरां के साथ फास्ट फूड कार्नर में इसका यूज कम हो गया है।

ऐसे बनाई जा रही ग्रेवी

होटल व रेस्तरां में जो ग्र्रेवी तैयार की जाती थी उसमें प्याज का जबरदस्त यूज किया जाता था। लेकिन जबसे प्याज की महंगाई एक्सप्रेस दौड़ी है तभी से ग्र्रेवी से प्याज गायब हो रहा है। ग्र्रेवी का यूज मटर पनीर, शाही पनीर, नानवेज में जमकर किया जाता है। अब प्याज की जगह ग्र्रेवी में पीला पका हुआ कद्दू व लौकी का प्रयोग हो रहा है।

इनके भी बढ़े हुए हैं रेट

सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब भी शोर होता है तो सिर्फ प्याज को लेकर होता है। बाकी सब्जियों के भी बराबर के रेट बढ़ रहे हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता है। मौजूदा समय में अगर मटर के रेट की बात करें तो 120 रुपए किलो हैं। जब गोभी की कीमत भी 60 रुपए किलो है। शिमला मिर्च 60 रुपए किलो के होने के बाद भी कोई भी नहीं शोर नहीं मचा रहा है। धनिया पत्ती भी 100 रुपए किलो है।

सिर्फ प्याज पर शोर?

इस बारे में आढ़ती सलाउद्दीन का कहना है कि प्याज का जब भी नाम आएगा इस पर राजनीति हावी होने लगेगी। प्याज एक सब्जियों में सबसे ज्यादा यूज होने वाली चीज है। हर सब्जी में प्याज डाली जाती है। अगर किसी के घर में सब्जी नहीं है तो वो परिवार प्याज की चटनी बनाकर भी रोटी खा लेता है। इसलिए प्याज के रेट बढ़ने से आम आदमी को सबसे अधिक दिक्कत होती है। ऐसे में सरकार को प्याज की निर्यात कम करते हुए। घरेलू मांग को पूरा करने और प्याज के रेट को कम करने में ध्यान देना चाहिए।

बाजार का भाव

सब्जी मौजूदा रेट

प्याज 60-70

टमाटर 25

गोभी 60

घिया 20

शिमला मिर्च 60

आलू 10-15

धनिया 100

तोरई 25

वर्जन

नासिक, इंदौर और राजस्थान में भारी बारिश होने के कारण आवक काफी कम हुई है। ऐसे में प्याज के रेट में बढ़ोत्तरी हुई है। आने वाले समय में और भी बढ़ने की उम्मीदें हैं।

- नफीस अहमद, आढ़ती

तीन महीने पहले प्याज की आवक 30 टन से ज्यादा ही थी। अब 10 टन भी नहीं रह गई है। ये सब बारिश के कारण हो रहा है। डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम होने के कारण रेट में ज्यादा होने तय है।

- वसीम अहमद, आढ़ती

प्याज पर शोर सबसे ज्यादा इसलिए होता है कि 95 फीसदी लोग प्याज का इस्तेमाल करते हैं। वेजिटेरियन से लेकर नॉन वेजीटेरियन सब्जियों में प्याज इस्तेमाल की जाती है। फिर नेता लोग इसमें आग में घी का काम करते हैं।

- सलाउद्दीन, आढ़ती

जब हमें मंडी से ही ज्यादा रेट पर प्याज मिलेगी। तो हमारी भी मजबूरी है कि रेट हाई करना है। जो लोग प्याज के बिना नहीं रह सकते हैं वो लोग खरीद ही रहे हैं।

- अमन सोनकर, रिटेल व्यापारी

प्याज के रेट बढ़ जाने से लोगों का रुझान प्याज के प्रति थोड़ा कम हुआ है। प्याज के रेट सुनकर या तो चले जाते हैं या फिर दूसरी सब्जी खरीदते हैं।

- संजय सोनकर, रिटेल व्यापारी