शहर की अलग-अलग मंडी में अलग-अलग दाम पर बिक रही प्याज

100 रुपये के पार हुई प्याज की कीमत, शादियों के बाद दाम होंगे कम

Meerut। हर घर की रसोई के बजट को प्रभावित करने वाले आलू, प्याज और टमाटर के दाम पिछले छह माह से लगातार उछाल पर हैं। हालांकि, टमाटर और आलू के दाम में कमी से कुछ राहत मिलनी शुरु हुई लेकिन प्याज के दाम लोगों की आंख में आंसू लाने लगे हैं। प्याज के भाव हर रोज ऊपर ही चढ़ते जा रहे हैं। पहले बरसात फिर त्योहारी सीजन और अब शादियों के सीजन में प्याज के दाम में आई तेजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। फिलहाल, प्याज 90 रुपये तक खुदरा भाव में बिक रहा है। इससे पहले यह 60 फिर 70 उसके बाद 80 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी। इतना ही नहीं शहर की अलग-अलग मंडी में प्याज समेत सभी सब्जियों के दाम भी अलग-अलग हैं।

सप्लाई से ज्यादा कालाबाजारी

प्याज व अन्य सब्जियों की कीमत समिति और मंडियों में सप्लाई और लागत के हिसाब से तय होती है। हालांकि प्याज की कहानी इससे कहीं अलग है। शादियों के सीजन को देखते हुए मंडी में आढ़तियों ने प्याज की कालाबाजारी शुरू कर दी है, जिसके चलते प्याज का दाम लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते शहरी में अलग-अलग दर से आलू-प्याज के साथ हरी सब्जियों की बिक्री हो रही है। साथ ही शहर की वीआईपी कालोनियों में भी सब्जियों के दाम कुछ और है।

20 से 50 का अंतर

शहर में सब्जियों के भाव में एक बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। कई सब्जियों के भाव में तो 20 से 30 रुपये प्रति किलो का अंतर है। जो आलू शास्त्रीनगर में 25 रुपए किलो है वही आलू सदर में 40 रुपए किलो मिल रहा है। वही नवीन मंडी में 15 से 20 रुपए किलो। जो टमाटर सदर में 60 रुपए किलो है वह जागृति विहार में 30 रुपए किलो तक मिल रहा है। मिर्च बेगमबाग में 100 रुपये प्रति किलो है, वह नवीन सब्जी मंडी में 60 और फूलबाग में 70 रुपये प्रति किलो है। सब्जियों के भाव में यह अंतर शहर के लोगों के बजट को प्रभावित कर रहा है।

अदरक व लहसुन के बढ़े भाव

बाजार में अदरक और लहसुन के भाव भी बढ़े हैं। लहसुन जहां 120 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा। वहीं, अदरक का बाजार भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलो है। ठंड के कारण अदरक और लहसुन की खपत बढ़ जाती है।

मेडिकल और शास्त्रीनगर क्षेत्र के भाव

आलू -20 से 25 रुपये प्रति किलो

प्याज -80 से 90 रुपये प्रति किलो

गोभी -30 रुपये प्रति किलो

बैंगन -20 रुपये प्रति किलो

मटर -60 रुपये प्रति किलो

टमाटर - 30 से 40 रुपये प्रति किलो

पालक -30 रुपये प्रति किलो

कद्दू -30 रुपये प्रति किलो

अदरक -80 रुपये प्रति किलो

लहसुन -120 रुपये प्रति किलो

सदर क्षेत्र में सब्जी का भाव

गोभी - 50 रुपये प्रति किलो

बैगन - 30 रुपये प्रति किलो

टमाटर - 60 रुपये प्रति किलो

कद्दू - 50 रुपये प्रति किलो

मटर - 80 रुपये प्रति किलो

प्याज- 80 रुपये प्रति किलो

खीरा- 60 रुपये प्रति किलो

घंटाघर क्षेत्र में सब्जियों के दाम

गोभी - 30 रुपये प्रति किलो

बैगन - 20 रुपये प्रति किलो

टमाटर - 30 रुपये प्रति किलो

कद्दू - 30 रुपये प्रति किलो

मटर - 50 रुपये प्रति किलो

प्याज- 70 रुपये प्रति किलो

खीरा- 40 रुपये प्रति किलो

लालकुर्ती में सब्जियों का भाव

आलू- 20 से 25 रुपये प्रति किलो

प्याज- 60 से 80 रुपये प्रति किलो

गोभी- 30 रुपये प्रति किलो

बैंगन- 25 रुपये प्रति किलो

मटर- 50 से 60 रुपये प्रति किलो

टमाटर- 30 से 40 रुपये प्रति किलो

पालक- 30 रुपये प्रति किलो

कद्दू- 30 रुपये प्रति किलो

अदरक- 70 रुपये प्रति किलो

लहसुन- 120 रुपये प्रति किलो

नवीन मंडी में सब्जी का भाव

प्याज- 60 रुपये प्रति किलो

आलू- 20 रुपए प्रति किलो

फूलगोभी-30 रुपये प्रति किलो

बैंगन- 30 रुपये प्रति किलो

भिंडी-60 रुपये प्रति किलो

टमाटर- 30 रुपये प्रति किलो

खीरा- 40 रुपये प्रति किलो

गाजर- 30 रुपये प्रति किलो

मूली- 15 रुपये प्रति किलो

आपूर्ति कम होने के कारण सब्जियों का भाव ऊपर-नीचे है। नए आलू से लेकर टमाटर के दाम अब कम होने लगे हैं लेकिन प्याज का दाम अभी बढ़ रहा है। प्याज की कम आवक हो रही है। आपूर्ति बढ़ने पर सब्जी के दाम में कमी आएगी।

अशोक प्रधान, अध्यक्ष, नवीन सब्जी मंडी

दिल्ली से आने वाली प्याज का दाम अधिक है। इसलिए प्याज अभी मंहगी चल रही है बाकि सब्जियों के दाम कम होना शुरु हो गए हैं। दिसंबर माह तक प्याज के दाम में भी कमी आएगी।

अर्जुन सोनकर, थोक सप्लायर, लालकुर्ती सब्जी मंडी

सबसे अधिक दाम प्याज और मटर का बढ़ रहा है। प्याज 80 रुपए पार होने वाली है और मटर 60 के पार है। लोहियानगर सब्जी मंडी से ही माल मंहगा आ रहा है।

सुभाष, सब्जी विक्रेता

सब्जियों के दाम दिनों दिन बढ़ रहे हैं, प्याज और टमाटर तो बहुत ही महंगे हैं। ये दोनों ही ऐसी सब्जी है जिनके बिना कोई सब्जी बनाना असंभव है।

ज्योति, रजबन

हमारे यहां खाने में प्याज अधिक यूज होती है, जो इस समय बहुत महंगी है। मगर मजबूरी में महंगी सब्जी खरीदनी पड़ रही है।

आरती, सदर

सब्जियों पर दाम का बढ़ना बहुत ही गलत है, इससे बजट पर असर पड़ रहा है। किचन का बजट बिगड़ा तो समझो सारे घर का बजट बिगड़ जाता है।

शिखा, बेगमपुल