सरकार का नियंत्रण नहीं

सूत्रों की मानें तो प्याज कीमतों के पीछे बिचौलियों का एक कॉकस काम कर रहा है. दो बार प्याज कीमतों में बढ़ोतरी करके करोड़ों रुपये इधर-उधर हो चुके हैं. इसमें न तो किसानों को ही फायदा मिला और न ही आम पब्लिक को. आगे चुनाव आने वाले हैं इसलिए राज्य सरकारें या केंद्र सरकार इन बिचौलियों पर शिकंजा कसने में नाकाम रही हैं. वजह ये है कि पार्टियों को इनसे मोटा चंदा मिलता है. इन पर शिकंजा कसने की बजाए आए दिन मंत्री यह प्याज की आपूर्ति की कमी संबंधी बयान जारी कर बिचौलियों का हौसला ही बढ़ा देते हैं जिससे कीमतें और बढ़ जाती हैं.

एक्सपोर्ट ने बढ़ाई दिक्कत

इस बार ईद बरसात के तुरंत बाद आने की वजह से मुस्लिम देशों में प्याज की मांग एकाएक बढ़ गई. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज मूल्यों में गुणात्मक बढ़ोतरी हो गई. सरकार ने प्याज के निर्यात पर कंट्रोल नहीं किया. इस वजह से भी प्याज कीमतों में अचानक उछाल देखने को मिला. एक्सपोर्ट कंट्रोल में होता तो प्याज कीमतें इतनी नहीं बढ़तीं.

मिस्र से आयात हुआ प्याज

चौतरफ हमलों से घिरी सरकार ने बिचौलियों पर कोई ठोस कार्रवाई करने की बजाए फिलहाल मिस्र से प्याज का आयात किया है. लेकिन इससे भी कीमतों में कोई खास फर्क नहीं आने वाला. वैसे उम्मीद जताई जा रही है कि इससे प्याज कीमते थोड़ी नीचे आ सकती हैं लेकिन यह स्थाई हल नहीं है. अगली फसल आने तक प्याज कीमतों में कोई राहत नहीं मिलने वाली, जब तक सरकार बिचौलियों पर नकेल न कसे.

आम आदमी के बस की बात नहीं

प्याज के दामों में हो रही वृद्धि से लोगों के खाने का स्वाद बिगड़ रहा है. इतनी महंगी प्याज खरीदना आम आदमी के बस की बात नहीं है. वहीं छोटे होटलों व ढाबों में परोसे जाने वाले सलाद से भी प्याज गायब हो गई है. प्याज के दामों में एकाएक बढ़ोत्तरी से लोगों ने प्याज खरीदना बंद कर दिया है.

70 रुपये किलो तक बिक रही प्याज

तीन दिन पहले तक जो प्याज 50 रुपये के भाव से बिक रही थी, वही प्याज मंगलवार को 70 रुपये किलो प्रति किलो के हिसाब से बिकी. हालांकि अन्य सब्जियों के दामों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन वह ना के बराबर है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि सब्जियों की नयी फसल नवंबर माह तक आएगी. इसके बाद ही दामों में गिरावट होगी. उनका यह भी कहना है कि विभिन्न क्षेत्रों से प्याज बढे़ दाम पर ही मंडी में आ रही है.

बिगड़ा रसोई का बजट

सब्जियों के दामों में वृद्धि होने से रसोई का बजट ही बिगड़ रहा है. प्रतिदिन कुछ नया बनाने के लिए सोचना पड़ता है. ऐसे में दिन में एक समय दाल बनती है. किसी खास मौके पर ही कुछ नया बनाया जाता है.

-पूजन शर्मा, गृहणी

कब मिलेगी महंगाई से निजात

पहले ही बढ़ती महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ रखी है. वही अब सब्जियों के दामों में वृद्धि होने से रसोई का भी बजट बिगड़ गया है. जाने कब तक इस महंगाई का सामना करना होगा.

-अंजु सिंह, गृहणी

आवक कम होने से बढ़ी महंगाई

नजदीकी क्षेत्र मेरठ, बुलंदशहर सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में अभी खुदाई न होने के कारण प्याज की आवक कम है. बाजार में स्टॉक कम होने से दामों में वृद्धि हो रही है. वर्तमान में हरियाणा, राजस्थान, नासिक से प्याज की आवक हो रही है.

-अभिमन्यु, सब्जी विक्रेता

सब्जियों के मूल्य एक नजर में प्रति किलो

सब्जी पहले अब

टमाटर 50 55

प्याज 50 70

भिंडी 25 30

गोभी 40 50

शिमला मिर्च 40 50

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