- 60 फीसदी मा‌र्क्स परीक्षा में मेरिट से होंगे

- 40 फीसदी मा‌र्क्स एकेडमिक के होंगे

- 100 से अधिक नियुक्ति गलत तरीके से हुई थीं

- प्रदेश में संचालित जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को प्रस्तावित भर्ती परीक्षा में मेरिट से जुडें़गे 60 फीसदी मा‌र्क्स

- हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएशन, बीए के 10-10 फीसदी मा‌र्क्स जुड़ेंगे एकेडमिक गुणांक के तहत

LUCKNOW : प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनने वाली मेरिट में भर्ती परीक्षा के 60 प्रतिशत नंबर जोड़े जाएंगे। 40 प्रतिशत नंबर एकेडमिक के होंगे। भर्ती परीक्षा और शैक्षिक अंकों से तैयार फाइनल मेरिट में ही शामिल होने वाले कैंडीडेंट्स को जूनियर स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। मैनेजमेंट एवं अल्पसंख्यक मोड में संचालित जूनियर स्कूलों में भी मनमाने ढंग से नियुक्ति नहीं हो सकेगी। इन स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति भर्ती परीक्षा के बाद अहर्त पाए गए कैंडीडेट्स के माध्यम से ही होगी। मैनेजमेंट को सर्वाधिक प्रसार वाले दो समाचार पत्रों में खाली पदों का विज्ञापन पूरे प्रदेश में निकलवाने के साथ ऑनलाइन आवेदन लेना होगा।

हाईस्कूल, इंटर, स्नातक के 10-10 नंबर

हाल ही में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल (जूनियर हाईस्कूल) में शिक्षकों की भर्ती और सेवा की शर्तो में सातवां संशोधन करते हुए नई नियमवाली जारी की है। इसमें बड़ा बदलाव यूजी में 50 फीसदी मा‌र्क्स, निर्धारित प्रशिक्षण डिग्री और शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ-साथ भर्ती परीक्षा अनिवार्य कर दिया है। यानी प्रशिक्षण योग्यता पूरी करने के साथ ही कैंडीडेट्स को टीईटी के बाद भर्ती परीक्षा से भी गुजरना होगा। इसके बाद मेरिट तैयार होगी। आदेशों के अनुसार मेरिट में 40 फीसदी मा‌र्क्स एकेडमिक से होंगे और 60 फीसदी मा‌र्क्स भर्ती परीक्षा के जोड़े जाएंगे। टीईटी केवल क्वालीफाइंग रहेगा। एकेडमिक में हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, प्रशिक्षण डिग्री बीएड और बीटीसी आदि के 10-10 फीसदी मा‌र्क्स लिए जाएंगे। ऐसे में कैंडीडेंट्स का जो गुणांक तैयार होगा, उसके आधार पर तैयार मेरिट से नियुक्तियां होंगी।

टॉप थ्री की सूची होगी जारी

संशोधन के बाद मैनेजमेंट और अल्पसंख्यक स्कूलों की निरंकुशता को भी सरकार ने खत्म कर दिया है। अभी तक मैनेजमेंट मनमाने तरीके से नियुक्तियां कर रहे थे। फिलहाल इस पर रोक लगी है। संशोधित नियमावली में मैनेजमेंट को सशर्त नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार दिया गया है। मैनेजमेंट को प्रदेश में सर्वाधिक प्रसारित समाचार पत्रों में विज्ञापन देना होगा। प्राप्त आवेदकों का टीईटी के साथ ही भर्ती परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। प्राप्त आवेदनों की बाकायदा चेकिंग होगी। इसके बाद निर्धारित मेरिट प्रक्रिया के जरिए उनके गुणांक तैयार होंगे। इंटरव्यू के बाद फाइनल मेरिट तैयार करते हुए टॉप थ्री कैंडीडेंट्स की सूची भी तैयार करनी होगी।

कोई भी नियुक्ति नहीं कर सकते

भर्ती परीक्षा सरकार द्वारा आयोजित की जाएगी। मैनेजमेंट अहर्त कैंडीडेट्स से आवेदन भी ऑनलाइन ही लेगा। ऐसे में मैनेजमेंट अब मनमाने ढंग से किसी भी कैंडीडेट्स की नियुक्ति नहीं कर सकेंगे। मैनेजमेंट द्वारा किसी शिक्षक को मनमाने ढंग से हटाने का भी अधिकार समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल एवं गैर सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों की नियुक्ति की प्रक्रिया को भी पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है।

कोट

बीते कुछ वर्षो में केवल राजधानी में ही मैनेजमेंट ने अपने स्कूलों में गलत तरीके से सौ से अधिक लोगों को नियुक्तियां करा दी है। नए संशोधन से सहायता प्राप्त स्कूलों के भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आने की पूरी उम्मीद है।

- डॉ। आरपी मिश्रा, शिक्षक नेता

नए संशोधन से सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आने के साथ ही योग्य कैंडीडेट्स को मौका मिलेगा। इसे न केवल मैनेजमेंट की मनमानी रुकेगी बल्कि स्कूलों को भी इसका फायदा मिलेगा।

डॉ। महेंद्रनाथ राय, शिक्षक नेता