छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : स्टील सिटी के खास महल में बने यूनानीए आयुर्वेद और होम्योपैथी विभाग का आयुष हास्पिटल महज दो डाक्टरों के सहारे रामभरोसे चल रहा हैं। आयुर्वेद विभाग विभाग में डा। आलोक चंद्र श्रीवास्तव की नियुक्ति वहीं होम्योपैथिक विभाग के डॉ। उमेश प्रसाद गुप्ता जिला आयुष हास्पिटल के साथ ही तीन दिन पटमदा सामुदायिक केंद्र में भी बैठते है। वहीं जिले में यूनानी विभाग में डॉक्टर न होने से विभाग खाली पड़ा हुआ है। जिला अस्पताल के इन विभागों में एक.एक डाक्टरों की तैनाती होने से बीमारी या छुट्टी या विभागीय काम आने पर मरीजों को वापस लौटना पड़ता है।

हर दिन 30 मरीजों को परामर्श

आयुर्वेद विभाग के प्रभारी डा। आलोक चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ओपीडी के समय सुबह 9 बजे 3 बजे तक औसतन 30 मरीज परामर्श के लिए आते है। उन्होंने बताया कि सभी मरीजों को परामर्श के साथ ही दवाएं भी दी जाती है। वहीं होम्योपैथिक डिपार्टमेंट में हर दिन 50 से ज्यादा मरीज देखे जाते हैं। लेकिन यह सेवा सिर्फ शहर के लोगों तीन दिन ही मिल पा रही हैं। होम्योपैथिक डिपार्टमेंट के डाक्टर तीन दिन पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बैठते हैं।

आयुर्वेद विभाग में पिछले दस दिनों

में आए मरीजों की संख्या

30 जून 2018 10

29 जून 2018 22

28 जून 2018 18

27 जून 2018 21

26 जून 2018 18

25 जून 2018 19

23 जून 2018 22

22 जून 2018 15

21 जून 2018 10

20 जून 2018 06

जिले में सरकारी अस्पताल

एमजीएम हास्पिटल, जिला चिकित्सालय खासमहल,

सामुदायिक चिकित्सालय जुगसलाई, धालभूमगढ़, मुसाबनी

पटमदा, डुमरिया, बहरागोड़ा, घाटशिला, चाकुलियाए पोटका आदि हैं।

कहीं और बीमार न कर दें दवाओं का अधिक प्रयोग

आयुष अस्पताल के प्रभारी ने बताया कि एलोपैथी दवाओं का अंधाधुंध उपयोग लोगों में नई.नई बीमारियों को जन्म दे रहा है। रोगियों द्वार ली जाने वाली पेन किलर से शरीर में गर्मी बढऩे के साथ ही किडनी इंफेक्शन जैसी बीमारियां हो रही है। जिससे शरीर

की रोग प्रतिरोधक क्षमता का हास हो रहा है।