22 लाख बच्चों को टीके लगवाने का दिया गया है टारगेट

10 दिसंबर से हुई थी अभियान की शुरुआत

04 लाख बच्चों को अभी तक लग सका है टीका

55 स्कूलों ने शहर में टीका लगवाने से कर दिया मना

-मीजल्स-रुबेला में एक तिहाई लक्ष्य भी पाने में हुए असफल

-एक जनवरी से कॉन्वेंट स्कूलों में टीका लगाने की तैयारी

PRAYAGRAJ: जिले में एमआर यानी मीजल्स रुबेला टीकाकरण कार्यक्रम दो सप्ताह बाद भी गति नहीं पकड़ पाया है। अभी तक महज चार लाख बच्चों का ही टीकाकरण किया गया है जो कि निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। खासकर स्कूलों के सहयोग नहीं करने से यह स्थिति बनी है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि विंटर वैकेशन के बाद कॉन्वेंट स्कूलों में मुहिम चलाई जाएगी।

बिना तैयारी शुरू करा दिया अभियान

स्वास्थ्य विभाग को पांच सप्ताह में 22 लाख को एमआर का टीका लगवाना है। इसमें से चार लाख का टीकाकरण हो चुका है। अभियान की शुरुआत दस दिसंबर से हुई थी। लेकिन, दो सप्ताह बीतने के बाद लगता है कि तय लक्ष्य पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। सोर्सेज बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पूरी तैयारी नहीं की थी। खासकर स्कूलों को कन्विंस करने में अधिक ध्यान नही दिया गया। नतीजा सामने है। केवल शहर में 55 स्कूलों ने टीका लगवाने से मना कर दिया। पूरे जिले में यह संख्या कहीं ज्यादा है। शहर की समुदाय विशेष बस्तियों में टीका लगवाने से लोग पीछे हट रहे हैं।

स्कूल-स्कूल जाकर मनौती

जो स्कूल टीकाकरण को तैयार नहीं हो रहे हैं वहां पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद जाकर रिक्वेस्ट कर रहे हैं। शहर के बड़े स्कूलों को इस अभियान में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। खुद अधिकारियों का कहना है कि जिले में टीकाकरण के बाद एक भी बड़ी घटना सामने नहीं आई है। ऐसे में स्कूलों का पीछे हटना समझ से परे है। टीकाकरण प्रभारी डॉ। कैप्टन आशुतोष कुमार का कहना है कि विंटर वैकेशन के बाद कॉन्वेंट स्कूलों को शामिल करने की कोशिश की जाएगी, जिससे लक्ष्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि टीकाकरण से पीछे हटने वाले स्कूलों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है।

जिन स्कूलों ने मना किया है उनसे बात की जा रही है। मेरे पास पूरी जानकारी पहुंच चुकी है। शासन ने अगर कोई अभियान शुरू किया है तो इसको पूरा करना हमारा कर्तव्य है। इसमें आम जनता की सहभागिता भी जरूरी है। प्रशासन सभी से टीकाकरण कराने की अपील करता है।

-सुहास एलवाई, डीएम प्रयागराज