राज्य के 1.40 लाख कारोबारियों को कराना है रजिस्ट्रेशन

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RANCHI (10 Dec) : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के रजिस्ट्रेशन की मियाद खत्म होने में अब सिर्फ भ् दिन शेष रह गए, इसके बावजूद केवल फ्00 व्यवसायी रजिस्ट्रेशन कराने में सफल हो पाए हैं। इतने कम समय में राज्य के क्,फ्97,00 व्यापारियों के सामने रजिस्ट्रेशन कराना एक चुनौती ही है।

तरह-तरह की समस्याएं

व्यवसायी बताते हैं कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन का प्रॉसेस काफी लंबा है। इसके लिए सबसे पहले जीएसटी पोर्टल पर जाना होता है। इसके बाद वाणिज्य कर विभाग की ओर से दिए गए आईडी पासवर्ड से लॉग इन कर कारोबार से संबंधित तमाम डिटेल अपलोड करना पड़ता है। इसमें व्यवसाय का नाम, स्टेटस, पैन कार्ड, उत्पाद शुल्क नंबर, टीन नंबर, सर्विस टैक्स नंबर, व्यवसाय का मुख्य स्थल, पता, मोबाइल, लैंडलाइन, मेल आईडी, बैंक खाते की जानकारी, किराया कांट्रैक्ट , क्या व्यापार करते हैं, व्यवसाय के मालिक की जानकारी, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, कंपनी की स्थिति डिजिटल सिग्नेचर आदि जानकारी देनी पड़ती है। इसके बाद विभाग इसे वेरीफाई करेगा। इतना ही नहीं, अपलोड होने के बाद अप्लीकेशन रिफ रेंस नंबर जारी होगा। फिर इसका इस्तेमाल जीएसटीएन के लिए किया जा सकता है। दरअसल इसका प्रॉसेस इतना लंबा और जटिल है कि कारोबारी परेशान हो रहे हैं।

मदद के बावजूद रफ्तार नहीं

जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन फ्0 नवंबर से चल रहा है और इसकी अंतिम तारीख क्भ् दिसंबर है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन में आ रही मुश्किलों से कारोबारी काफी परेशान हैं। हालांकि, वाणिज्य कर विभाग की ओर से व्यापारियों को इसमें मदद की जा रही है, इसके बावजूद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है।

पोर्टल खुलने में लग रहा समय

अगले साल एक अप्रैल से झारखंड समेत पूरे देश में जीएसटी लागू होना है। रजिस्ट्रेशन जिस जीएसटी पोर्टल से होना है, उसके खुलने में ही काफी समय लग रहा है। सर्वर की धीमी गति से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में घंटों लग जा रहा है। कई बार तो प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही फॉर्म क्रैश कर जाता है। इससे परेशानी बढ़ गई है।

किसके लिए जरूरी है जीएसटी

हर व्यवसायी जिसका टर्न ओवर ख्0 लाख से ज्यादा है, उसे जीएसटी नंबर लेना जरूरी है। जीएसटी नंबर पैन आधारित क्भ् अंकों का होगा। हर व्यापारी जो जीएसटी के अंर्तगत आएंगे, उन्हें सालाना फ्7 रिटर्न फ ाइल करना होगा। इसमें मासिक रिटर्न भी शामिल है, जिसे हर महीने की ख्0 तारीख तक भरनी होगी। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगीे।

क्भ् दिसंबर के बाद बंद हो जाएगा पोर्टल

रजिस्ट्रेशन के लिए जीएसटी पोर्टल फ्0 नवंबर से खुला है। वाणिज्यकर विभाग से रजिस्टर्ड सभी डीलरों को इसके लिए एनरॉलमेंट करना अनिवार्य है। इसके लिए क्भ् दिसंबर अंतिम तारीख है। इसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा।

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एक्सपर्ट कमेंट

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के बाद रिटर्न भरने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। इससे समय बचेगा, लेकिन व्यवसायियों को त्रुटियों के प्रति सावधान रहना होगा। इसलिए जरूरी है कि पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ ली जाए।

नीरज गखर, चार्टेड एकाउंटेंट

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कोट -क्

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सरकार की ओर से व्यापक प्रचार प्रसार नहीं किया गया।

राज्य के अधिकतर व्यवसायी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना भी है या नहीं। यही वजह है कि प्रक्रिया धीमी है।

रंजीत गड़ोदिया, महासचिव, झारखंड चैंबर

कोट -ख्

रजिस्ट्रेशन का जो परफॉर्मा बनाया गया है, वही पूरी तरह से तैयार नहीं है। शुरुआत में वैट का रजिस्ट्रेशन हो रहा है, बाद में सर्विस टैक्स का भी होगा। पहले सरकार को पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थी, तभी रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए था।

प्रदीप कुमार जैन, इंवेस्टमेंट एडवाइजर

कोट -फ्

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को लेकर सरकारी तैयारी ही पूरी नहीं है। इसी का परिणाम है कि रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं। अब इतने कम समय में इतने सारे व्यवसायियों का रजिस्ट्रेशन होना मुमकिन नहीं। पहले सिस्टम को दुरुस्त करना होगा।

आरडी सिंह,ैंबर सदस्य

कोट -ब्

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन को लेकर व्यवसायियों के पास मुकम्मल जानकारी ही नहीं है। अभी व्यवसायी खुद से रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, लेकिन स्थिति इतनी विकट है कि उन्हें बाद में अधिकारियों के पास जाना ही होगा।

पवन बजाज, बिजनेसमैन