MATHURA (3 Dec.): देर रात से लेकर सुबह तक कोहरा छाने लगा है। रेलगाडि़यों को घने कोहरे में काफी दूर से सिग्नल नजर नहीं आ रहे हैँ। ऐसे में एहतियातन दो स्टेशनों के बीच सिर्फ दो ही ट्रेनें चलाई जाएंगी। ताकि हादसे की आशंका न होने पाए।

मॉडिफाई सिग्नल लगाए जा रहे

रेलवे में दो स्टेशनों के बीच की दूरी को एक सेक्शन कहा जाता है। एक सेक्शन में आम दिनों में पांच ट्रेनें दौड़ती हैं। कोहरे में इतनी ट्रेनें संचालित करना खतरा हो सकता है। इसलिए कोहरा रहने तक एक सेक्शन में दो ही ट्रेनें दौड़ाई जाएंगीं। आम दिनों में आम सिग्नल भी दूर से नजर आते हैं। मगर कोहरे में मॉडिफाई सिग्नल लगाए जा रहे हैं।

नहीं नजर आते सिग्नल

रेल संचालन के लिए 20 दिसंबर से 31 जनवरी तक मुश्किल भरे दिन होते हैं। इस दौरान देर रात से सुबह तक कोहरा छाया रहता है। घने कोहरे में सिग्नल नजर नहीं आते हैं। अभी दिल्ली-आगरा रूट पर ट्रेनों का संचालन ऑटोमेटिक सिग्नलों से किया जा रहा है। मॉडिफाई सिग्नल करने के लिए सिग्नल पर नीली-सफेद पट्टी लगा दी जाती है। अछनेरा और अलवर लाइन अभी ऑटोमेटिक सिग्नल नहीं है। इस रूट पर पटाखों के सहारे ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। सर्दियों में पटरियां भी चटकती हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पटरियों पर पेट्रो¨लग भी बढ़ाई जाएगी। हालांकि इसके लिए अभी दिशा निर्देश नहीं आए हैं लेकिन तैयारियां की जा रही हैं।

बढ़ेगी यात्रियों की परेशानी

कोहरा बढ़ने पर यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी। रेलवे द्वारा हर वर्ष कई ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाता है तो कई ट्रेनों का संचालन रद कर दिया जाता है। ट्रेनें भी घंटों की देरी से चलती हैं। इसके चलते यात्रियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।