एमडीए आया शासनादेश, लैंडयूज चेंज करने की नहीं देनी होगी फीस

विकास शुल्क भी नहीं देना होगा, होगी बड़ी बचत

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूबे की योगी सरकार कर रही कवायद

Meerut। खुशखबरीयदि आप मेरठ में होटल खोलना चाहते हैं तो सरकार आपके लिए 'रेड कॉरपेट' बिछा रही है। प्रदेश को सर्वोच्च पर्यटन राज्य की श्रेणी में शामिल कराने के लिए सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है तो वहीं पर्यटन कारोबार को जमाने के लिए तमाम रियायतें लेकर आई है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2018 के प्रावधानों को लागू कर दिया गया है। नीति के तहत नए नई पर्यटन ईकाई और हेरीटेज होटल के निर्माण पर प्राधिकरण भू उपयोग परिवर्तन शुल्क और विकास शुल्क में सौ फीसदी की छूट दे रहा है। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी विकास प्राधिकरणों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

जरा समझ लें

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार प्रयासरत है। पर्यटन कारोबार और कारोबारियों को स्थापित करने के लिए सरकार नई 'उप्र पर्यटन नीति-2018' लेकर आई है। इस नीति के तहत पर्यटन कारोबारियों को अपने कारोबार को स्थापित करने में प्रावधानों में बड़े परिवर्तन किए गए हैं। प्रावधान का यहा जिक्र है

नीति के तहत सभी नई पर्यटन इकाईयों को भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क और विकास शुल्क में पूरी तरह से छूट मिलेगी।

लीज होल्ड टूरिज्म इकाईयों को विकास प्राधिकरणों की नियमों के अंतर्गत फ्री-होल्ड कराने की अनुमति होगी।

किसी विकास क्षेत्र में यदि कोई पुरानी हेरिटेज संपत्ति, हेरिटेज होटल में परिवर्तित की जाती है तो संबंधित विकास प्राधिकरण संपत्ति के भू उपयोग को 'हेरिटेज होटल' का नाम देकर भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में शत-प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

कराना होगा रजिस्ट्रेशन

नई नीति के अंतर्गत 'नई पर्यटन ईकाई' और 'हेरिटेज होटल' को परिभाषित किया गया है। पात्र पर्यटन ईकाइयों को प्रोत्साहन और रियायतों को प्राप्त करने के लिए पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

नियम और शर्ते

लाभार्थी पर्यटन ईकाई का संचालन आगामी 5 वर्षो तक हर हाल में करेगा।

5 वर्ष से पहले ईकाई बंद करने पर लाभार्थी को सभी शुल्कों में दी गई छूटों की धनराशि को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राज्य सरकार को वापस करना होगा।

प्रोत्साहन और रियायतें हासिल करने वाली ईकाई को सभी एनओसी हासिल करनी होंगी। पर्यटन विभाग की गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा। शर्ते न मानने पर प्रोत्साहन एवं सब्सिडी निरस्त कर दी जाएगी।

स्थल का चयन ऐसे स्थान पर किया जाएगा, जहां पर बिजली, पानी, सड़क, सीवर लाइन, नाला आदि सुविधाएं उपलब्ध हों।

विकास प्राधिकरण की बिल्डिंग बाईलॉज का पालन पर्यटन ईकाई को करना होगा।

छूट उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने नीति के लागू होने पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया हो।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उप्र पर्यटन नीति-2018 को जारी किया गया है। इस नीति में नई पर्यटन ईकाई और हेरीटेज होटल को प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जा रही है। सरकार का प्रयास प्रदेश में पर्यटन कारोबार को स्थापित करना है जिससे पर्यटकों को सुविधाएं मिल सकें।

राजकुमार, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण