-देश में पहली बार 3डी तकनीक से इंप्लांट प्रिंट कराकर की सर्जरी

-शत प्रतिशत रिजल्ट का केजीएमयू प्रशासन का दावा

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LUCKNOW:

केजीएमयू के डॉक्टर्स ने कंप्यूटराइज्ड थ्रीडी प्रिंटिंग से एंप्लांट बनाकर आंख की हड्डी को ठीक करने का काम किया है। डॉक्टर्स का दावा है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके इंडिया में पहली बार किसी मरीज की आंख की हड्डी को ठीक किया गया है। इससे सर्जरी मे ंलगने वाला समय और इलाज का खर्च भी कम हुआ है। यह कामयाबी केजीएमयू में डॉ। दिव्या मेहरोत्रा और उनकी टीम ने हासिल की है।

एक्सीडेंट में हुआ था घायल

आगरा निवासी एक व्यक्ति की एक्सीडेंट के दौरान आंख की हड्डी तीन जगहों से टूट गई थी। उसने इसका काफी ट्रीटमेंट कराया लेकिन वह पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। उसकी आंख आसानी से धूम नहीं पा रही थी। साथ ही दो इमेज एक साथ दिखाई दे रही थीं। डेढ़ माह पहले वह अपने इलाज के लिए केजीएमयू आया।

सीटी स्कैन से मिली जानकारी

केजीएमयू में डॉ। दिव्या मेहरोत्रा ने जांच की तो पता चला कि हड्डी टूटी हुई है। इसके बाद उसकी सर्जरी करके ठीक करने की चुनौती थी। डॉ। दिव्या के मुताबिक इसके लिए फ्रैक्चर वाली हड्डी के ऊपर ठीक वाली हड्डी की वर्चुअल इमेज को इंपोज किया गया। जिससे दोनों का अंतर दिखा और उसके आधार पर 3डी तकनीक की सहायता से टाइटेनियम के इंप्लांट को प्रिंट कराया गया। जो इंप्लांट बनकर आया वह एक दम सटीक था जिसे दो दिन पहले सर्जरी कर लगाया गया। इसके बाद बाई आंख भी दिखने में एक दम दाई आंख की तरह है।

सर्जरी में शामिल टीम

डॉ। दिव्या मेहरोत्रा, डॉ। संजय कुमार, डॉ। पवन गोयल, डॉ। यू विग्नेश, डॉ। जगदीश, डॉ। प्रवीण, डॉ। स्नेहा, डॉ। सतीश धसमान।