- इलाहाबाद में हुए संघर्ष में वेस्ट के वकील इलाहाबाद के साथ

Meerut : भले ही वेस्ट यूपी बेंच के मुद्दे को लेकर वेस्ट और इलाहाबाद के वकील पूरी तरह से जुदा हों। लेकिन जब किसी मुसीबत आती है तो एक दूसरे की मदद को हमेशा आगे रहते हैं। जब मेरठ में बेंच को लेकर वकीलों की महा पंचायत हो रही थी तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुलिस और वकीलों में संघर्ष हो रहा था। जिसमें एक वकील की मौत हो गई और कई घायल हो गए। वकील की मौत की बात सुनते ही ईस्ट के वकील तो उबले ही वहीं वेस्ट यूपी के वकील भी चुप नहीं रहे। उन्हें पुलिस निर्दयीता का खुलकर विरोध किया।

वकीलों के वर्जन

इलाहाबाद में जो भी वकीलों के साथ हुआ पूरी तरह से अन्याय पूर्ण और पुलिस की निर्दयिता का प्रतीक है। हम इसका पूरी तरह से विरोध करते हैं।

- चौधरी धीर सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन

भले ही हम किसी मुद्दे पर एक दूसरे से भिन्न हो। लेकिन जो इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुआ वो गलत है। पुलिस को अपने रवैये में बदलाव लाना होगा। हम इलाहाबाद वकीलों के साथ खड़े हुए हैं।

- सुनील लाहोड़ी, पूर्व उपाध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन

इलाहाबाद के वकीलों का गुस्सा अपनी जगह जायज है। जिस तरह से वकीलों पर गोलियां बरसाई गई और एक वकील की मौत हो गई उसका जिम्मेदार कौन होगा?

- डुंगर सिंह, पूर्व अध्यक्ष, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन

यूपी बार काउंसिल ने इस घटना के बाद हड़ताल की घोषणा की है। हम इसके पूरे समर्थन में हैं। पुलिस का इस तरह का रवैया बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

- राम कुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

पुलिस मेरठ की हो या फिर इलाहाबाद की उन्हें अपने रवैये में सुधार लाने की काफी जरूरत है। ये कोई पहली घटना नहीं है। वकील भाई की मौत काफी दुखदाई है।

- प्रवीण कुमार, पूर्व मंत्री, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन

वकीलों के साथ तो पूरे यूपी में अन्याय हो रहा है। पुलिस का रवैया वकीलों के प्रति काफी खराब रहता है। जो चरम पर पहुंच गया। हम इलाहाबाद के वकीलों के साथ है।

- नीरज त्यागी, पूर्व उपाध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन

इलाहाबाद में जो वकीलों के साथ हुआ उसकी हम घोर निंदा करते हैं। शासन को आरोपी पुलिस वालों पर कड़ी कार्रवाई करते तुरंत एक्शन लेना चाहिए। इसमें किसी तरह की कोई देरी नहीं करना चाहिए।

- सरताज गाजी, एडवोकेट

इलाहाबाद में वकीलों की साथ हुई घटना की हम घोर निंदा करते हैं। हम इलाहाबाद के वकीलों के साथ हैं। वकीलों के साथ इस तरह की घटना को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

- देवकरन शर्मा, एडवोकेट