नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है, वापस नहीं लिया गया है।

जब किसान कौशांबी (दिल्ली-यूपी सीमा) पर धरना स्थल खाली कर रहे थे तभी राकेश टिकैत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 3 कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद केंद्र के साथ बातचीत चल रही है। हमारा आंदोलन निलंबित है, वापस नहीं लिया गया। इसके अलावा, उन्होंने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके आंदोलन के दौरान किसानों की मदद की थी, और कहा, मैं उन सभी का आभारी हूं जो हमारे साथ रहे हैं। मैं उन लोगों का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने लंगर चलाया, ग्रामीण जो हमारे लिए जरूरी सामान लाए।

किसानों को विरोध स्थल छोड़ते हुए जश्न मनाते देखा गया

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपने साल भर के विरोध को स्थगित करने के बाद, किसानों को कौशांबी (दिल्ली-यूपी सीमा) में अपना विरोध स्थल छोड़ते हुए जश्न मनाते देखा गया। 9 दिसंबर को, संयुक्त किसान मोर्चा, जिसके तहत किसान एकजुट हुए थे, ने केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति बनाने के वादे के साथ एक पत्र प्राप्त करने के बाद अपने साल भर के आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की। इसके साथ ही कहा कि उनके खिलाफ मामलों को तुरंत वापस लिया जाए।

ट्रकों के बड़े काफिले में अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे

किसान ट्रैक्टर और ट्रकों के बड़े काफिले में अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। ठीक उसी तरह से जैसे वे एक साल पहले राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके सिंघू, गाजीपुर और टिकरी में केंद्र के तीन कृषि कानून का विरोध करने के लिए पहुंचे थे। किसान 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। एसकेएम ने अपने बयान में कहा था, 'अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं। 19 नवंबर को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में आवश्यक विधेयक लाएगा।

National News inextlive from India News Desk