RANCHI: झारखंड की जनता ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन दोनों पार्टियों का एक भी प्रत्याशी इस बार विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाया है। जबकि राजद ने इस चुनावी दंगल में 18 और जदयू ने 11 उम्मीदवार उतारे थे। वहीं, पिछली बार राजद के पांच और जदयू के दो विधायक विधानसभा पहुंचे थे। राजद की अन्नपूर्णा देवी और सुरेश पासवान तो हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं।

11 एमएलए के साथ 2000 में हुई थी राजद की इंट्री

झारखंड की राजनीति में 11 विधायकों के साथ राजद की साल 2000 में इंट्री हुई थी। 2005 में यह संख्या घटकर छह तथा 2009 में पांच हो गई थी। इतना ही नहीं, लगातार चार बार कोडरमा विधायक रहीं और हेमंत सरकार में समाज कल्याण सह जल संसाधन मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहीं। वहीं, नगर विकास सह पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान को भी देवघर की जनता ने नकार दिया । इसी तरह गोड्डा, चतरा और हुसैनाबाद सीट भी उसके हाथ से निकल गई।

11 में से एक भी नहीं जीत पाया जदयू उम्मीदवार

जनता दल युनाईटेड के टिकट पर 11 उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनावी समर में उतारा था, पर बदकिस्मती कहिए की झारखंड में पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से सुधा चौधरी और तमाड़ से गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर को क्षेत्रों की जनता ने पिछले चुनाव में विधानसभा भेजा था। सुधा चौधरी तो इस बाद भी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, जबकि जदयू छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले राजा पीटर को जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर आए, परंतु इन दोनों को जनता ने नकार दिया।