रांची: रांची यूनिवर्सिटी के एग्जाम्स में क्वेश्चन का गड़बड़झाला कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक के बाद एक यूनिवर्सिटी के एग्जाम में गलत और आउट ऑफ सिलेबस सवाल पूछे जाने से स्टूडेंट्स हैरान हैं। शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के कारनामे का शिकार हुए बीए सेमेस्टर-1 के स्टूडेंट्स। शुक्रवार को हिन्दी की परीक्षा थी, जिसमें आउट ऑफ सिलेबस क्वेश्चन पूछे जाने का आरोप लगाकर स्टूडेंट्स ने कई सेंटर्स पर हंगामा किया। हालांकि, इसका समाधान नहीं हो पाया और जिस स्टूडेंट को जितना समझ में आया, उतना जवाब लिखकर उन्होंने कॉपी जमा कर दिया।

सिलेबस में संशोधन पर जिच

इस मामले को लेकर जब कई सेंटर्स से शिकायत रांची यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में पहुंची, तो वहां से अधिकारियों ने कहा कि मई में जारी सिलेबस के आधार पर क्वेश्चन सेट करवाया गया है। वहीं कई कॉलेजों के शिक्षकों ने बताया कि मई के बाद भी सिलेबस चेंज हुआ था। उस हिसाब से सवाल नहीं पूछे गए। वैसे हिन्दी व्याकरण से जुड़े सवाल पूछे गए थे, जो 100 अंक के सिलेबस से जुड़े थे।

दो खंडों से सवाल गायब

सिटी के एक सेंटर से एग्जाम देकर आए स्टूडेंट्स ने बताया कि उनके सिलेबस में पंचवटी (खंड काव्य- मैथिली शरण गुप्त) और निबंध कला से सवाल ही नहीं पूछे गए। इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स ने बताया कि केवल प्रश्न संख्या 5 ही सिलेबस के भीतर से पूछा गया था।

3 घंटे का समय दिया

शुक्रवार को हिन्दी की जो परीक्षा हुई, उसका कुल अंक 50 ही था। इस हिसाब से केवल डेढ़ घंटा ही वक्त दिया जाना चाहिए था, जबकि क्वेश्चन पेपर में 3 घंटे का समय अंकित था। इससे भी स्टूडेंट्स में ऊहापोह की स्थिति रही। इन सब बातों को लेकर कई सेंटर्स में स्टूडेंट्स ने हो-हल्ला भी किया। इसके बावजूद क्वेश्चन नहीं बदला गया और सभी परीक्षार्थियों से कहा गया कि जो सवाल मिला है, उसी का जवाब देकर कॉपी जमा करें। मजबूरी में स्टूडेंट्स ने ऐसा ही किया।

वर्जन

सवाल सिलेबस के भीतर से ही पूछे गए थे। एक कॉलेज के स्टूडेंट्स से ऐसी शिकायत मिली कि उन्हें जो सिलेबस पढ़ाया गया, उससे सवाल नहीं आए। जिस कॉलेज में सिलेबस से पढ़ाई नहीं हुई, उसके लिए यूनिवर्सिटी दोषी नहीं है।

डॉ राजेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक, रांची यूनिवर्सिटी