-तीन साल पहले बनकर तैयार हो चुके हैं ओवरहेड टैंक

-अब तक शहर के कई इलाकों में नहीं डाली गई पाइप लाइन

78 करोड़ रुपए हुए थे योजना पर खर्च

17 ओवरहेड टैंक बनाए गए थे शहर में

22 ट्यूबवेल भी बनाए गए थे

बरेली: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, लेकिन नगर निगम बरेलियंस के लिए पीने के पानी अब तक दुरुस्त नहीं कर सका है. तीन साल पहले शहर में पानी की किल्लत खत्म करने के लिए ओवरहेड टैंक तो बनकर तैयार हो गए, लेकिन अब तक कई इलाकों में पानी की पाइप लाइन नहीं डाली गई है. ऐसे में इस बार भी गर्मी के सीजन में लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ेगा.

चार साल तक चलता रहा काम

शहर में पीने के पानी की समस्या का समाधान करने के लिए वर्ष 2012 में यूआईडीएसएसएमटी योजना पर काम शुरू हुआ था. योजना का काम दो साल में पूरा होना था, लेकिन अफसरों की सुस्ती के चलते काम पूरा होने में करीब चार साल लग गए. वर्ष 2016 में जल निगम ने ओवरहेड टैंक और ट्यूबवेल तो बनाकर तैयार कर दिए, लेकिन अब तक शहर के लोग पानी को तरस रहे हैं.

इन इलाकों में सबसे ज्यादा दिक्कत

हजियापुर, चक महमूद, जोगी नवादा, सम्राट अशोक नगर, बंडिया, मठ लक्ष्मीपुर, बदायूं रोड से सटी कॉलोनियां, तुलसी नगर, सैनिक कालोनी, मिथिलापुरी समेत कई इलाकों में लोग पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं.

30 साल से सूखी पड़ी पाइप लाइन

शहर के मोहल्ला चक महमूद और जोगी नवादा में करीब 30 साल पहले पानी की पाइप लाइन डाली गई थी. कुछ दिन पानी आने के बाद जोगी नवादा इलाके में पानी की सप्लाई बंद हो गई. इसके बाद से यहां के लोग पीने के पानी के लिए हैंडपंप पर निर्भर हैं या फिर अपने घरों में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए सबमर्सिबल पंप लगवा रखे हैं.

गड़बड़ी पर नपे एक्सईएन

योजना में वित्तीय गड़बड़ी के चलते जल निगम के तत्कालीन एक्सईएन दिनेश चंद्रा को निलंबित कर दिया गया था. उन पर तत्कालीन नगर विकास मंत्री के करीब की फर्म को योजना का काम दिए जाने के आरोप भी लगे थे. इसी का नतीजा रहा कि ओवरहेड टैंक बनने के बाद जैसे ही पानी की सप्लाई शुरू की गई तो जगह-जगह पाइप लाइन से लीकेज शुरू हो गई और पानी की सप्लाई रोकनी पड़ी.

छह-छह महीने नहीं आता है पानी

मोहल्ले में पाइप लाइन तो पड़ी है, लेकिन छह-छह महीने तक पानी ही नहीं आता है. कभी-कभी कुछ देर के लिए पानी आता भी है तो साफ नहीं होता है.

जीशान

नहीं आता है पानी

मोहल्ले में बहुत समय पहले पाइप लाइन तो पड़ी थी, लेकिन आज तक उसमें पानी आते नहीं देखा. इसलिए लोगों ने कनेक्शन भी कटवा दिए. नए टैंक से भी अब तक सप्लाई नहीं दी गई है.

दिलीप

हैंडपंप लगवाना पड़ा

नगर निगम ने पाइप लाइन तो कई साल पहले डाली थी, लेकिन उसमें पानी ही नहीं आता है. सरकारी हैंडपंप भी नहीं लगे हैं. इसलिए घर में हैंडपंप लगाकर ही काम चलाना पड़ रहा है.

शाहवेज

वर्जन

शहर में पाइप लाइन डालने के लिए शासन से मंजूरी मिलने के साथ ही बजट की पहली किश्त भी जारी हो चुकी है. चुनाव की आचार संहित हटते ही काम शुरू हो जाएगा.

संजय पांडेय