नई दिल्ली (एएनआई)। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कोर्ट में सीबीआई के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि वह इस मामले में एजेंसी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट को बताया कि उनके पास कोई भी विदेशी बैंक खाता नहीं है। चिदंबरम ने कोर्ट में कहा, 'कृपया सवालों और जवाबों को देखें, ऐसे कोई सवाल नहीं हैं जिनके उत्तर मैंने नहीं दिए हैं, कृपया प्रतिलेख ध्यान से पढ़ें। उन्होंने पूछा कि क्या मेरा विदेश में बैंक खाता है, तो मैंने कहा कि नहीं, फिर उन्होंने पूछा कि क्या मेरे बेटे का विदेश में खाता है? तो मैनें कहा हां।'

कोर्ट में बोलने पर सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति

कार्यवाही के दौरान जब चिदंबरम ने कहा कि वह बोलना चाहते हैं तो सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उनकी याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब उनके दो वरिष्ठ वकील यहां उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो उन्हें बोलने की क्या जरुरत है? इसपर, चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का एक फैसला है जो अभियुक्त को अपना प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देता है। इसके अलावा सीबीआई ने कोर्ट से चिदंबरम को पांच दिनों तक अपनी कस्टडी में रखने की मांग की, जिसका विरोध करते हुए सिंघवी ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी के साथ सहयोग किया है और पूछताछ से कभी नहीं भागे हैं। इसलिए, सीबीआई को इस बात की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए।

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26 अगस्त तक रिमांड में रखने की मिली अनुमति

हालांकि, सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पांच दिन की रिमांड की मांग वाले सीबीआई के एक आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में विचार के बाद अदालत ने सीबीआई को चिदंबरम को चार-दिन तक अपनी हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा अदालत ने चिदंबरम के परिवार के सदस्यों और वकीलों को सीबीआई हिरासत में हर दिन आधे घंटे के लिए उनसे मिलने की अनुमति भी दी है। जज ने सीबीआई को 26 अगस्त तक चितंबरम की रिमांड की अनुमति देते हुए कहा, 'तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, मेरा मानना है कि पुलिस हिरासत सही है।'

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