- गृह मंत्रालय से शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने 24 घंटे बाद दिया बेड

- पेट के ऑपरेशन के बाद आईसीयू में भेजा गया था

- 24 घंटे तक बेटा एंबुबैग से देता रहा ऑक्सीजन

- 74 वर्षीय शहनाई वादक कृष्ण राम चौधरी को 2017 में मिला पद्मश्री अवार्ड

LUCKNOW : मशहूर शहनाई वादक व पद्मश्री अवार्डी 74 वर्षीय कृष्ण राम चौधरी को ट्रामा के आईसीयू में एक बेड पाने के लिए 24 घंटों तक इंतजार करना पड़ा। वह ट्रामा सेंटर के आईसीयू में बेड पाने के लिए करीब चौबीस घंटे तड़पते रहे क्योंकि आपरेशन के बाद सांसे उखड़ रही थी, उन्हें वेटिलेटर की आवश्यकता थी। ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने उनके बेटे जयशंकर चौधरी को आईसीयू फुल होने और बेड खाली न होने की जानकारी दी। ऐसे में उन्हें आरएसओ वार्ड में रखा गया, जहां उनका बेटा एंबुबैग से उन्हें सांस देता रहा। बेटे का आरोप है कि लगातार उसे यहां डॉक्टर टरकाते रहे। जब वह परेशान हो गए तो गृह मंत्रालय से ईमेल के माध्यम से शिकायत की। शिकायत के बाद बुधवार की शाम केजीएमयू प्रशासन हरकत में आया और आईसीयू में उन्हें शिफ्ट करवाया गया।

ऑपरेशन के बाद आईसीयू में भेजा गया

इलाहाबाद निवासी पद्मश्री अवार्डी कृष्ण राम चौधरी (74) को ऑपरेशन के बाद आईसीयू भेजा गया, लेकिन वहां बेड खाली ना होने से आरएसओ वार्ड में भर्ती कर दिया गया। इस दौरान परिवारीजन मरीज को एंबुबैग से ऑक्सीजन देते रहे। बेड के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें टरकाया जाता रहा। परेशान होकर परिवारीजनों ने गृह मंत्रालय को मेल कर पूरे मामले की सूचना दी। तब जाकर 24 घंटे बाद बेड दिलाने की कवायद शुरू हुई। कृष्ण राम चौधरी के बेटे जयशंकर चौधरी ने बताया कि दस दिन से नित्यक्रिया में परेशानी हो रही थी, जिसके कारण पेट लगातार फूल रहा था। इस दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराया गया, लेकिन कोई बीमारी को नहीं पकड़ पाया।

आंत सिकुड़ रही थी

पांच जनवरी को उन्हें स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां पर बताया गया कि आंतों में सिकुड़न हो रही है। इसका ऑपरेशन करना होगा। उन्होंने पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में मंगलवार सुबह लेकर पहुंचे, लेकिन वहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। इस बीच मरीज की स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी। जयशंकर ने बताया कि तुरंत उन्हें ट्रॉमा सेंटर लेकर आए। यहां ट्रॉमा गैस्ट्रो में भर्ती किया गया। मंगलवार शाम करीब छह बजे ऑपरेशन किया गया और आईसीयू भेज दिया गया। वहां गए तो पता चला कि बेड खाली नहीं है। इंतजार करना पड़ेगा, जिसमें करीब 24 घंटे लग गए।

बिस्मिल्लाह खां के समकालीन माना जाता है

कृष्ण राम चौधरी के बेटे ने बताया कि उनको बिस्मिल्लाह खां का समकालीन माना जाता है। उन्होंने बताया कि 1961 में राष्ट्रपति द्वारा 16 साल की ही उम्र में सम्मानित किया गया था। यूपी और बिहार की सरकारों ने भी कई अवार्ड दिए हैं। यूपी संगीत नाटक अकादमी, केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी का पुरस्कार जीत चुके हैं। भारत संगीत रत्‍‌न भी 2006 में दिया गया था। पद्मश्री साल 2017 में दिया गया था।

कोट

बेड खाली न होने के कारण यह प्रॉब्लम हुई है। सूचना मिलने पर हमने अधिकारियों को तुरंत इंतजाम करने का आदेश दिया था। शाम तक उनको आईसीयू में शिफ्ट भी कर दिया गया।

- डॉ। एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू।