कानपुर। जर्मनी की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग पिछले कई सालों से भारत में गायों की देखभाल कर रही हैं। वह करीब 25 साल पहले उत्तर प्रदेश में मथुरा टि्रप पर आई थीं। इस दाैरान इन्हें यहां पर गायों की सेवा करने में एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुई। इस पर फ्रेडरिक ने मथुरा में रहकर गाैसेवा करने का मन बना लिया और वापस जर्मनी नहीं गईं।
जर्मनी की फ्रेडरिक को मिला पद्म श्री पुरस्कार,सुदेवी माता बन यहां कर रही हैं गायों की सेवा

राधा सुरभि गाैशाला का संचालन
आज फ्रेडरिक गौरक्षकों के लिए बड़ी मिसाल बन चुकी हैं। करीब 61 साल की फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग मथुरा के गोवर्धन राधाकुंड में रहती हैं और लोग इन्हें प्यार से सुदेवी माताजी के नाम से भी पुकारते हैं। राधा सुरभि गाैशाला की अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 1996 से मथुरा में सुदेवी माताजी राधा सुरभि गाैशाला का अच्छे से संचालन कर रही हैं।
जर्मनी की फ्रेडरिक को मिला पद्म श्री पुरस्कार,सुदेवी माता बन यहां कर रही हैं गायों की सेवा


1,500 से अधिक गायें और बछड़े

राधा सुरभि गाैशाला में बीमार, घायल, चलने में अक्षम व भूखी गायों की विशेष तरीके से देखरेख होती है। उनके स्वास्थय का विशेष ख्याल रखा जाता है।  वर्तमान में उनकी राधा सुरभि गाैशाला में 1,500 से अधिक गायें और बछड़े हैं। इसमें करीब 60 लोग काम करते हैं, जिनका परिवार भी गौशाला से ही चलता है। स्थानीय लोग भी इनकी मदद करते हैं।
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