- सातवीं मंजिल की रेलिंग से लटका मिला शव

- रात तीन बजे बाथरूम जाने के लिए निकला था

LUCKNOW: पीजीआई में भर्ती लिवर के मरीज ने शनिवार को सातवीं मंजिल की रेलिंग में शाल का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। वह 19 दिसंबर से लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट में भर्ती था। वह शुक्रवार देर रात पत्नी से बाथरूम जाने की बात कहकर वहां से निकला था और फिर उसने फांसी लगाकर जान दे दी।

बीमारी से था परेशान

इंस्पेक्टर पीजीआई रवीन्द्रनाथ राय ने बताया कि पीलीभीत के थान सिंह मोहल्ला निवासी नितिन कुमार गंगवार (36) पेट की बीमारी से परेशान था। 19 दिसंबर को उसे पीजीआई के लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट में भर्ती किया गया था। उसका इलाज डॉ। राजन सक्सेना की देखरेख में हो रहा था।

कर्मचारियों ने दी जानकारी

नितिन शुक्रवार रात करीब तीन बजे पत्‍‌नी सुषमालता से बाथरूम जाने की बात कहकर निकला था। जब वह काफी देर तक लौटा नहीं तो पत्‍‌नी ने उसे वहां मौजूद कर्मचारियों के साि तलाशना शुरू किया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। शनिवार सुबह करीब आठ बजे मरीज सहायक दया प्रसाद और नितिन की पत्‍‌नी जब उसे तलाशते हुए सातवीं मंजिल पर पहुंचे तो देखा वहां नितिन का शव रेलिंग में शाल के सहारे लटक रहा था।

पुलिस ने की छानबीन

अस्पताल के अंदर मरीज की आत्महत्या की खबर मिलते ही वहां अफरातफरी मच गई। पीजीआई पुलिस भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल करने के बाद नितिन का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंस्पेक्टर पीजीआई का कहना है कि नितिन ने शायद अवसाद के चलते आत्महत्या की है। मृतक के परिजनों ने भी इस मामले में अभी तक किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है। मृतक के परिवार में पत्‍‌नी के अलावा दो बेटे भी हैं।

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मैं तो यहां इलाज के लिए लाई थी

नितिन की पत्‍‌नी सुषमालता का कहना है कि वह रात तीन बजे तक पति के पैर दबा रही थी। इसके बाद नींद आ गई। बस इतना याद है कि नींद में पति ने उससे बाथरूम जाने की बात कही थी। सुषमालता ने कहा कि उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे आत्महत्या कर लेंगे। मैं तो उन्हें यहां इलाज के लिए लाई थी, पर ये नहीं पता था कि वे यहां अपनी जान दे देंगे।