नई दिल्ली/वाशिंगटन (आईएएनएस) पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची से लगभग 4,000 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया है। इस लिस्ट से उन लोगों के नाम भी हटाए गए हैं, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख योजनाकार थे। एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप ने इस बात का खुलासा किया है। बता दें कि भारत और दुनिया के कई हिस्सों में पाकिस्तान अपने आतंकवादियों को हमला करने के लिए भेजता रहा है। इस मामले में इसका पुराना इतिहास है और आतंकी फंडिंग के लिए वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है। आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के पाकिस्तान के प्रयासों से असंतुष्ट होकर फरवरी में एफएटीएफ ने कहा ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए इस्लामाबाद ने 27 में से केवल 14 बिंदुओं का पालन किया। अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है।

9 मार्च के बाद हटाए गए 1800 नाम

न्यू यॉर्क स्थित स्टार्टअप 'कैस्टेलम' ने पाया है कि पिछले डेढ़ साल में बिना स्पष्टीकरण या अधिसूचना के पाकिस्तान ने 3,800 आतंकवादियों के नाम को अपनी निगरानी सूची से हटा दिया है। कैस्टेलम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इमरान खान सरकार ने 9 मार्च के बाद से अपने आतंकवादी वॉचलिस्ट से बिना किसी सार्वजनिक स्पष्टीकरण के लगभग 1,800 नामों को हटा दिया है। इस लिस्ट से लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड जका उर-रहमान समेत कई बड़े आतंकियों के नाम हटाए गए हैं। एफएटीएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में लगभग 7,600 नाम थे। वहीं, 15 अप्रैल को पाकिस्तानी अखबार के एक लेख में यह बताया गया था कि सूची से नाम इसलिए हटाए गए हैं क्योंकि उसमें 7000 से अधिक ऐसे कई नाम थे, जिसमें कई गलतियां थीं। उसमें बताया गया कि कई नाम ऐसे थे, जिनकी मौत हो गई थी या नाम में बड़ी त्रुटियां थीं।

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