इस्लामाबाद (रॉयटर्स)। पाकिस्तान सरकार ने अपने अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया है। बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने बुधवार को अपने फैसले में जाधव की सजा पर रोक लगा दी थी और पाकिस्तान को कहा कि उसे इस मामले की प्रभावी समीक्षा करनी चाहिए। पाक सरकार ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा, 'एक जिम्मेदार देश होने के नाते पाकिस्तान अपने कानूनों के अनुसार कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस प्रदान करेगा।' यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने लगातार 16 बार पाकिस्तान से जाधव को राजनयिक पहुंच देने की मांग की थी लेकिन पाकिस्तान ने हर बार भारत के इस अनुरोध को ठुकरा दिया। पाकिस्तान ने इसपर अपनी सफाई में कहा कि भारत-पाक के बीच हुई संधि किसी जासूस या आतंकी गतिविधि से जुड़े व्यक्ति को कांसुलर एक्सेस प्रदान करने की अनुमति नहीं देती

2017 में सुनाई गई सजा

पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ भारत आईसीजे में पहुंच गया था। पाकिस्तान का कहना था कि मार्च 2016 में बलुचिस्तान प्रांत से जाधव को ईरान से देश में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। आईसीजे को दिए रिपोर्ट में पाकिस्तान ने कहा था कि जाधव एक सामान्य व्यक्ति नहीं है क्योंकि वह बलूचिस्तान के रस्ते जासूसी के इरादे से देश में घुसा था। हालांकि, भारत पाकिस्तान के सभी आरोपों को मानने से इनकार कर देता है। 

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भारत ने की रिहाई की मांग

बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को रिहा करके वापस अपने मुल्क भेजने की भी मांग कर रही है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा, 'भारत को जाधव से पाकिस्तान में बातचीत करने का अधिकार मिला है। कुलभूषण जाधव पूरी तरह से निर्दोष हैं और उनपर बेवजह के आरोप लगाए गए हैं। हम पाकिस्तान से फिर उन्हें रिहा करने और वापस भेजने के लिए कह रहे हैं।'

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