नई दिल्ली (पीटीआई)। पाकिस्तान ने चिनाब नदी मं पानी का प्रवाह कम होने का राग अलापना शुरू कर दिया है। बुधवार को भारतीय आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना को लिखे एक पत्र में उनके पाकिस्तानी समकक्ष सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह ने कहा है कि चिनाब पर माराला हेडव‌र्क्स पर बहाव अप्रत्याशित रूप से 31,853 क्यूसेक से घटकर 18,700 क्यूसेक रह गया है। उन्होंने प्रदीप कुमार से स्थिति की जांच करके उन्हें अवगत कराने की बात कही है।इंडस वाटर्स के भारतीय आयुक्त ने दावे को पाकिस्तान द्वारा एक और बेसलेस नरेटिव बताया और कहा कि मामले की जांच की गई है।

अखनूर व सिधरा में बहाव सामान्य

प्रदीप सक्सेना ने शुक्रवार को पीटीआई से इस संबंध में बात करते हुए कहा कि भारत में चिनाब और तवी नदियों पर अंतिम गेज और डिस्चार्ज स्थलों अखनूर व सिधरा में बहाव सामान्य है और कथित अवधि में उसमें किसी तरह का उल्लेखनीय बदलाव दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यही जवाब देते हुए उसे मामले की जांच कराने की भी सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि के तहत गठित स्थायी सिंधु आयोग पर हस्ताक्षर किए गए थे।

कम से कम एक बार मिलने का प्रावधान

दोनों देशों के सिंधु आयुक्त संधि मामलों के लिए संबंधित सरकारों के प्रतिनिधियों के रूप में कार्य करते हैं। संधि दोनों आयुक्तों को भारत और पाकिस्तान में वैकल्पिक रूप से हर साल कम से कम एक बार मिलने का प्रावधान करती है। यह निर्दिष्ट करता है कि तीन पूर्वी नदियों जैसे रावी, ब्यास और सतलज का पानी भारत को विशेष रूप से आवंटित किया गया है। सिंधु जल संधि के अनुसार, सिंधु आयुक्तों को हर साल 31 मार्च तक बैठक करनी चाहिए।

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