रावलपिंडी में टूट सकता है बाल्मिकी मंदिर

पाकिस्तान के छावनी शहर रावलपिंडी में स्थित महर्षि बाल्मिकी मंदिर है जिसे बालकनाथ मंदिर के नाम भी जाना जाता है. इस मंदिर के साथ 53 कमरे वाला एक बड़ा कैंपस है. इसके अलावा मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर एक श्मशान स्थल भी है. दरअसल पाकिस्तान सेना इस मंदिर प्रांगण को तोड़कर अपने सैनिकों के लिए बैरक का निमार्ण करना चाहती है. लेकिन इसके विरोध में स्थानीय हिंदू उतर आए हैं. 1935 में बने इस मंदिर का पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्व है. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान की आजादी के समय पाकिस्तान में 426 मंदिर थे जिनमें से सिर्फ 26 मंदिर बचे हैं जहां लोग जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं.

अदालत ने लगाई रोक

पाकिस्तानी कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए फिलहाल रूप से मंदिर को तोड़ने पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान के हिंदु समाज से जुड़े गणमान्य लोगों जैसे असफंदयार भिंडरा ने स्थानीय अदालत में मंदिर को तोड़ने के खिलाफ याचिका डाली थी. भिंडरा पाकिस्तानी पार्लियामेंट के लोअर हाउस में सदस्य हैं.

हिंदुओं पर बढ़ रहा अत्याचार

पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार रुकने का नाम नही ले रहा है. साल 2011 से अब तक लगभग 400 हिंदु परिवार भारत में माइग्रेट कर चुके हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन कोई नई बात नही है. लेकिन बीते दिनों इन अपराधों की संख्या में बढोतरी हुई है. मसलन जन्माष्टमी का त्योहार मनाते वक्त हिंदुओं पर हमले की घटनाओं का पता चला है.

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