कानपुर (एजेंसियां)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 2012 के बाद से सार्वजनिक पद से प्रतिबंधित होने वाले तीसरे पूर्व प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन पर मंगलवार को देश के चुनाव आयोग ने पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया। बीते शनिवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान को दोषी ठहराए जाने के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया। कानून कहता है कि इस तरह की सजा किसी व्यक्ति को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित अवधि के लिए सार्वजनिक पद से अयोग्य घोषित कर देती है। यहां पाकिस्तान के पिछले नेताओं द्वारा सामना किए गए प्रतिबंधों और चुनौतियों के बारे में कुछ तथ्य दिए गए हैं। इनमें इन प्रधामंत्रियों के नाम भी शामिल है।
यूसुफ रजा गिलानी
प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को 2012 में पांच साल के लिए सार्वजनिक पद से प्रतिबंधित कर दिया गया था। उस समय उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने से इनकार करने के लिए अवमानना ​​के आरोप में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। गिलानी 2013 के चुनावों में चूक गए लेकिन 2018 में सफलतापूर्वक चुनावी राजनीति में फिर से शामिल हो गए।

नवाज शरीफ
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपनी आय के स्रोत की घोषणा नहीं करने का दोषी पाए जाने के बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी राजनीति से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि कि इस दाैरान उन्होंने अपनी पार्टी पर सत्ता का प्रयोग जारी रखा है, जो वर्तमान में उनके छोटे भाई शहबाज, प्रधान मंत्री के साथ सत्ता में है। अब तक 18 अवसरों पर, प्रधानमंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों, प्रत्यक्ष सैन्य तख्तापलट और सत्तारूढ़ समूहों में अंदरूनी कलह के कारण जबरन इस्तीफे सहित विशेष कारणों से हटा दिया गया है।
इमरान खान
वहीं पाक के पूर्व पीएम इमरान खान इस समूह में तब शामिल हुए जब उन्हें 2022 में अविश्वास मत में हटा दिया गया था, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह देश की शक्तिशाली सेना द्वारा आयोजित किया गया था। हालांकि सेना इससे इनकार करती है। वहीं पाकिस्तान में कोई व्यक्ति कितनी बार प्रधानमंत्री बन सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है। वहीं अब जब इमरान खान दोबारा पात्र होंगे तब उनकी उम्र 75 वर्ष होगी।

प्रतिबंध का सामना
हाल के वर्षों में कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं को भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है, जिनमें खान के पूर्व करीबी सहयोगी लेकिन अब प्रतिद्वंद्वी, जहांगीर तरीन, जिन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था, और दो पूर्व शरीफ कैबिनेट मंत्री शामिल थे, जिन्हें पांच साल के लिए अयोग्य ठहराया गया था। पाकिस्तान ने भी 1950 के दशक में एक कठोर कानून के तहत कई राजनीतिक नेताओं को अयोग्य घोषित कर दिया था।

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