इस्लामाबाद (आईएएनएस)। आम चुनाव को लेकर इन दिनों पूरी दुनिया की नजरें पाकिस्तान पर टिकीं हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान देश में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं लेकिन इसी बीच उनके विरोधियों ने चुनाव के नतीजों पर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में शुक्रवार को एक मल्टी पार्टी कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने चुनाव के नतीजों को खारिज कर दिया और देश में फिर से एक पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन भी किया जायेगा
पाकिस्तान में राजनीतिक दलों की समूह ने चुनाव में परिणामों के साथ छेड़छाड़ और धांधली का आरोप लगाया है। इस्लामाबाद में हुई दलों की बैठक में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन का प्रतिनिधित्व करने वाले शाहबाज शरीफ और मुट्टाहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान भी शामिल थे। फजलुर रहमान ने मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे चुनाव के नतीजों से असहमत हैं और वे फिर से चुनाव कराने के लिए एक अभियान चलाएंगे। इसके अलावा चुनाव नतीजों के लिए विरोध प्रदर्शन भी करेंगे।'  

बैठक में पीपीपी नहीं था शामिल

बता दें कि एक दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों की बैठक में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने हिस्सा नहीं लिया था लेकिन बावजूद इसके पार्टी का नेतृत्व करने वाले बिलावल अली भुट्टो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव के परिणाम को खारिज कर दिया और कहा कि चुनाव पारदर्शी और स्वतंत्र नहीं था। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को नेशनल असेंबली में 135 सीटों की जरूरत होती है। इस आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सबसे ज्यादा 115 सीटें मिली हैं। नवाज शरीफ की पार्टी दूसरे और पीपीपी तीसरे नंबर पर है।  

क्रिकेटर से पाकिस्तान के पीएम बनने तक का इमरान खान का सफर नहीं था आसान

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