पूरी रकम देनी होगी

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच इधर पिछले काफी समय से

एफ-16 विमान की डील अधर में लटकी है। पाकिस्तान इन विमानों को खरीदना चाहता है, लेकिन अमेरिका इन्हें कई शर्तों के साथ बेचना चाहता है। अभी हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बात का ऐलान किया था कि पाकिस्तान यदि एफ-16 विमान खरीदना चाहता है तो उसे इसके लिए अपने पास से पूरी रकम देनी होगी। जिसमें पाकिस्तान को अपनी राष्ट्रीय निधि से करीब 27 करोड़ डॉलर भुगतान इन विमानों को खरीदने के लिए करना होगा। ऐसे में पाकिस्तान ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि उसके पास अपने संसाधनों से एफ-16 विमानों को खरीदने के लिए पैसा नहीं है।

शर्तें लगाना बेवजह

इतना ही नहीं पाकिस्तान ने अमेरिका को अपनी जरूरत भी बता दी है। पाकिस्तान का कहना है कि यदि अमेरिका इस डील को नहीं सुलझाता है तो वह वह अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कोई अन्य लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करेगा। वहीं इस पूरे मामले में अब पाक ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह शर्तों के आधार पर एफ-16 विमान नहीं खरीदेगा। ऐसे में अब विदेश सचिव एजाज चौधरी का कहना है कि अमेरिका को अपनी शर्तों पर दोबारा विचार करना चाहिए। उसे अब एफ-16 बेचने के लिए कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए। उनका कहना है कि जब पाकिस्तान यह भरोसा दिला रहा है कि वह उन विमानों को केवल आतंकियों से लड़ने के लिए ही इस्तेमाल करेगा तो श्ार्तों का क्या मतलब है।

कूटनीतिक प्रयास जारी

इसके साथ ही उनका कहना है कि इन विमानों को अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराने को अमेरिकी संसद को समझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। बताते चलें विमान बेचने व खरीदने का मामला एक समझौते के तहत हुआ था। जिसमें 4,638 करोड़ रुपये के आठ विमानों के इस सौदे में पाकिस्तान को 1,789 करोड़ रुपये चुकाने थे। इसके अलावा की शेष धनराशि अमेरिका सहायता के रूप में देता, लेकिन बाद अमेरिकी संसद ने इस समझौते को नकार दिया। अब वह पाकिस्तान से पूरी रकम देने को कह रहा है।

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