पिछले महीने चीन ने दिया था कर्ज
इस्लामाबाद (रॉयटर्स)। पाकिस्तानी सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इस्लामाबाद ने चीन से हाल ही में 1-2 अरब डॉलर यानी करीब 68-135 अरब रुपयों का कर्ज मांगा है। पाकिस्तान वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के हालिया खुलासे के अनुसार, जून में खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष में चीन और उसके बैंकों द्वारा पाकिस्तान को दिया गया कर्ज 5 अरब डॉलर तक पहुँच जायेगा। बता दें कि चीन से कर्ज लेने के पीछे इस्लामाबाद का एक बड़ा मकसद है। दरअसल, पाकिस्तान अपनी तेजी से कम हो रहे विदेश मुद्रा भंडार को मजबूत करना चाहता है। मई 2017 में पाकिस्तान के पास 16.4 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था जो पिछले हफ्ते कम होकर 10.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह लोन इसी भंडार को मजबूत करने में मदद करेगा।

चुनाव के बाद IMF के पास जाएगा पाकिस्तान

बता दें कि यह कर्ज ऐसे वक्त में मांगा गया है जब इसी साल अप्रैल में चीन के कमर्शियल बैंकों ने पाकिस्तान सरकार को 1 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और लगातार पाकिस्तान के चालू खाता घाटे को देखते हुए कई फाइनैंशल ऐनालिस्ट्स ने कहा है कि जुलाई में आम चुनाव खत्म होने के बाद पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास कर्ज के लिए जाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि IMF ने 2013 में भी पाकिस्तान को 6.7 अरब डॉलर की मदद दी थी।

2 अरब डॉलर की सहायता मिलेगी
पाकिस्तान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस महीने हमें चीन से करीब 1 से 2 अरब डॉलर की सहायता मिलेगी। यह पैसे चीन सरकार के अंतर्गत चलने वाले संस्थान की तरफ से दिए जायेंगे।' इसके अलावा एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान 2 अरब डॉलर तक की फंडिंग के बारे में पेइचिंग से बात कर चुका है। हालांकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की तरफ से आर्थिक संकट या लोन को लेकर कोई बयान नहीं आया है।

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