पेरिस (एएनआई)। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकितान काफी बौखलाहट में है। वह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को बहुत ही बड़ा बनाना चाहता है लेकिन उसका यह प्रयास एक बार फिर विफल हो गया है। दरअसल, फ्रांस ने पाकिस्तान से साफ शब्दों में यह कह दिया है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मामला है और इसपर कोई भी बात सिर्फ भारत और पाकिस्तान ही कर सकते हैं। बता दें कि फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन ने मंगलवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और कश्मीर पर फ्रांस के स्टैंड को साफ किया।

भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला

फोन पर बातचीत में फ्रेंच विदेश मंत्री ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है, जिसे बातचीत करके सुलझाया जा सकता है। अगर दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखना है तो इस विवाद को किसी भी तरह से सुलझाना होगा। बातचीत में ड्रियन ने कुरैशी से दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने का भी अनुरोध किया। बता दें कि फ्रांस के इस बयान से पाकिस्तान को कश्मीर मामले में एक बार फिर झटका लगा है। इससे पहले अमेरिका, रूस और यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी कॉउंसिल भी कश्मीर को एक द्विपक्षीय मामला बता चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान के इस मुद्दे को अंतर्राट्रीयकरण करने के प्रयासों पर पानी फेर दिया है।     

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जम्मू-कश्मीर बन गया केंद्र शासित प्रदेश

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प व जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन व जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया था। राज्यसभा में अनुच्छेद 370 संबंधी प्रस्ताव स्वीकार और जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक पास हो गया था। इसके बाद दूसरे दिन यह लोकसभा में पेश हुआ और शाम को यहां से भी हरी झंडी मिली गई। प्रस्ताव पास होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहीं लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। भारत सरकार के इसी फैसले के बाद पाकिस्तान बौखलाहट में है।

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