नहीं मिलेगी कोई रियायत

एफ-16 लडा़कू विमानों की खरीद मामले में अमेरिका ने पाकिस्तान को स्पष्ट जता दिया है कि विमान सौदों के लिए पाकिस्तान को किसी तरह की रियायत नहीं मिलेगी। उसे एफ-16 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए पूरा भुगतान करना होगा। बताया जा रहा है कि अमेरिकी कांग्रेस के वरिष्ठ सीनेटर्स का कहना है कि अमेरिकी जनता के टैक्स का फायदा पाकिस्तान को नहीं दिया जा सकता है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा कि सांसदों मे फॉरेन मिलिट्री फाइनेंसिंग की तरफ से पाकिस्तान को मदद दिए जाने पर ऐतराज जताया था। हालांकि किरबी ने ये नहीं बताया कि इस मुद्दे पर कब फैसला लिया गया और पाकिस्तान को कब इसकी जानकारी दी गयी। 11 फरवरी को स्टेट डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को 700 मिलियन डॉलर वाले इस सौदे के बारे में जानकारी दी थी कि वो पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों को बेचने जा रहे हैं। हालांकि अमेरिकी सरकार के इस फैसले पर भारत सरकार की तरफ से ऐतराज जताया गया था। भारत सरकार ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब कर नाराजगी भी जताई थी।

अमेरिकी करदाताओं के पैसे पर पाकिस्तान को फायदा नहीं

फॉरेन रिलेशन कमेटी के चेयरमैन बॉब कॉर्कर ने कहा था कि अमेरिकी करदाताओं के योगदान को किसी दूसरे देश पर नहीं खर्च किया जा सकता है। यही नहीं पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए गंभीर भी नहीं है। उन्होंने कहा कि आइएसआइ के लिए काम करने वाले हक्कानी नेटवर्क पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान गंभीर नहीं है। इस मुद्दे पर कई एंग्लो अमेरिकन संगठनों ने यूएस कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों से मुलाकात की थी। और कहा था कि अमेरिकी सरकार पाकिस्तान को मदद कर रही है। जो आतंकी नेटवर्कों को ध्वस्त करने की जगह पर आतंकी गुटों को समर्थन दे रहा है।

अमेरिकी सांसदों ने जताया ऐतराज

कई अमेरिकी सांसदों ने कहा था कि इस बात की पूरी आशंका है कि पाकिस्तान एफ-16 लड़ाकू विमानों का आतंकियों की जगह भारत के खिलाफ इस्तेमाल करेगा। हालांकि कुछ सांसदों ने पाकिस्तान के समर्थन में कहा कि अफगानिस्तान के हालात और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री पर रोक नहीं लगानी चाहिए। अमेरिकी कांग्रेस द्वारा एफ-16 सौदों पर आपत्ति किए जाने के बाद सरकार की तरफ से बयान आया कि कांग्रेस द्वारा इस तरह रोक लगाए जाने से अमेरिकी विदेश नीति पर बुरा असर पड़ेगा। अमेरिका ने पाकिस्तान से 8 एफ-16 विमानों की खरीद के लिए पूरा भुगतान करने को कहा है। ओबामा प्रशासन ने अल-कायदा और दूसरे आतंकी संगठनों का हवाला देकर लड़ाकू विमानों को बेचे जाने की वकालत की। अमेरिकी सरकार के फैसले पर भारत ने ऐतराज जताया।इसी वजह से ये भी तय नहीं किया जा सकता था बच्चे का लिंग क्या है। उसके हाथ मछली के पंखों की तरह फैले थे और निचला हिस्सा उसकी पूंछ की तरह था।

inextlive from World News Desk

International News inextlive from World News Desk