छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों को अगर क्षेत्र विकास निधि नहीं दी गई तो जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य सामूहिक इस्तीफा देंगे। इस साल सरकार ने कोई फंड नहीं दिया है। गांधी जयंती के मौके पर इन पंचायत प्रतिनिधियों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने अपने क्षेत्र के लिए विकास फंड की मांग को लेकर एक दिन का उपवास रखा। मांग की कि उन्हें जल्द ही क्षेत्र विकास निधि उपलब्ध कराई जाए। इस उपवास में जिले भर से ज्यादातर जिला परिषद सदस्यों, प्रखंड प्रमुखों व पंचायत समिति सदस्यों ने जिप सदस्य किशोर कुमार यादव के नेतृत्व में शिरकत की।

सपने हो रहे चकनाचूर

जिला परिषद सदस्य संजीव सरदार ने कहा कि सरकार राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की पंचायती राज व्यवस्था के सपने को चकनाचूर कर रही है। जब तक यह व्यवस्था सफल नहीं होगी तब तक भारत विकसित नहीं होगा लेकिन, झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के एक साल बाद भी जिला परिषद सदस्यों और पंचायत समितियों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए एक रुपये का फंड नहीं दिया है। पहले बीआरजीएफ और 13 वें वित्त आयोग का फंड क्षेत्र के विकास के लिए था लेकिन सरकार ने इसे बंद कर दिया है। 14 वें वित्त आयोग की राशि इस बार पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों को नहीं दी जा रही है। इससे पंचायत प्रतिनिधि अपने क्षेत्र का विकास नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर फंड नहीं मिला तो जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य सामूहिक इस्तीफा देने को बाध्य होंगे। बाद में उपायुक्त के जरिए एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया। उपवास में जिला परिषद सदस्य किशोर यादव, संजीव सरदार, इंद्रावती महतो, सत्यवान नायक आदि थे।

वार्ड सदस्यों ने भी मांगा फंड

इस उपवास में वार्ड सदस्यों ने भी शिरकत की। वार्ड सदस्य संघ के सुनील गुप्ता ने उपायुक्त के जरिए मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा। इसमें कहा गया है कि वार्ड सदस्यों को भी सरकार फंड दे ताकि वह अपने क्षेत्र का विकास करें। साथ ही मांग की कि योजना की मंजूरी में 75 फीसद वार्ड सदस्यों का हस्ताक्षर जरूरी किया जाए। उपवास में रकेश चौबे, संगीता देवी, पुष्पा प्रसाद, मंजू देवी, कुमार सिद्धार्थ, संदीप शर्मा, कुमोद यादव, अभिनव कुमार, सागर कुमार सिंह, नीलू श्रीवास्तव, मीरा देवी, मीना देवी आदि थीं।