दैनिक जागरण आईनेक्सट ऑफिस में हुआ पैनल डिस्कशन
स्कूल प्रिंसिपल्स, काउंसलर्स ने दिए टिप्स
Meerut। 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम्स शुरु होने वाले हैं। इसके साथ ही एक बार फिर सर्वाधिक मार्क्स गेन करने की दौड़ भी शु्ररु हो जाएगी। एक नंबर भी कम न रह जाए, इसको लेकर स्टूडेंट्स दिनरात एक कर देंगे। जाहिर है इससे जहां उनका कॉफिडेंस लेवल डाउन होगा वहीं उनके आसपास लगातार स्ट्रेस का माहौल भी तैयार होगा। इससे इतर पेरेंट्स का भी दबाव बच्चों को झेलना पड़ेगा। एग्जाम टाइम में बच्चों को ये माहौल देना सरासर गलत हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक परीक्षाओं को उत्सव की तरह मनाना चाहिए। कम या ज्यादा मार्क्स फ्यूचर डिसाइड नहीं करते। जरूरी है नॉलेज और लर्निग। एग्जाम टाइम में स्ट्रेस के इस माहौल को समझते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने स्कूल प्रिंसिपल्स, डायरेक्टर्स व क्लीनिकल साइक्लॉजिस्ट के साथ पैनल डिस्कशन किया। जिसमें सीबीएसई बोर्ड पैटर्न, एग्जाम, टाइम मैनेजमेंट समेत कई तथ्यों पर चर्चा की। वहीं एग्जाम की तैयारियों के दौरान नकारात्मकता से बचने और स्ट्रेस को दूर करने के बारे में बताया।
पेरेंट्स को समझना चाहिए कि अधिक मार्क्स नहीं आएंगे तो आफत नहीं आएगी। अवसरों की कोई कमी नहीं हैं। मार्क्स कम भी आएं तो समस्या नहीं होगी।
प्रेम मेहता, प्रिंसिपल, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल
स्टूडेंट्स प्रैक्टिस करें। टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें। पेरेंट्स को चाहिए कि वह एग्जाम टाइम में बच्चों को मोटिवेट करें। उनको अनावश्यक रूप से प्रेशर न दें।
राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव
मार्क्स सबकुछ नहीं होते हैं। बच्चे इस बात को समझे की लर्निग हमेशा काम आती है। मार्क्स को लेकर संघर्ष न करें। खुद का अनुशासन में रखे।
अमित कुमार, डायरेक्टर, नोबल पब्लिक स्कूल
जो करो, उसमे अपना बेस्ट दीजिए। पढाई को एक जरिए न बनाया जाए। पेरेंट्स बच्चों को प्रेशर देते हैं। पॉजिटिव एनवायरमेंट बनाएं वोकेशनल लर्निग जरूरी है।
अनुपमा सक्सेना, प्रिंसिपल, गार्गी गर्ल्स स्कूल
मार्क्स को लेकर जो लड़ाई चल रही है उसका खत्म होना जरूरी है। पेरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों की सफलता और सफलता को एक्सेप्ट करे।
कंवलजीत सिंह, डायरेक्टर, गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल
एग्जाम टाइम उत्सव जैसा होता है। किसी त्योहार जैसी ही इसकी तैयारी करनी चाहिए । इससे जहां स्ट्रेस नहीं होगा, वहीं स्टूडेंट्स और पेंरेंट्स दोनों ही अपना बेहतर दे पाएंगे।
अजीत चौधरी, चेयरमैन, वेद इंटरनेशनल स्कूल
स्टूडेंटस अगर एग्जाम टाइम में खुद को पूरी तरह से तैयार कर ले, तो सफलता उसे जरूर मिलेगी। बोर्ड एग्जाम को हौव्वा नहीं समझा जाना चाहिए। मदर्स के इमोशंस बहुत मैटर करते हैं। बच्चे को मोटिवेट करे।
विनीता आर्या, टीजीटी, केंद्रीय विद्यालय
एग्जाम में बच्चे ये समझ लें कि जो करना है अपना बेस्ट करना है। जल्दबाजी से नर्वसनेस होती है। पेरेंट्स और सोसाइटी को भी उन्हें मोटिवेट करना चहिए।
धीरज आर्या, प्रिंसिपल, ट्रांसलेम एकेडमी
चिंता होगी तभी परफार्मेंस दी जा सकती है, लेकिन एक्सिेसिव टेंशन खतरनाक है। इससे बच्चे ब्लैक आउट हो जाते है। पेरेंट्स और फैमिली से ही स्ट्रेस जनरेट होता है। अपने बर्डन और इनसिक्योरिटीज को पेरेंट्स बच्चों पर न लादें ।
डॉ। पूनम देवदत्त, सीबीएसई काउंसलर
कर्म किए जा, फल की चिंता न कर.एग्जाम टाइम में पेरेंटृस और स्टूडेंट्स दोनों को ही इस सिद्धांत को फॉलो करना चाहिए । अपना शत प्रतिशत दें उसके बाद जो भी रिजल्ट आए उसे स्वीकार करें।
डॉ। रितु केला, क्लीनिकल साइक्लोजिस्ट
इन बातों का स्टूडेंट्स रखें ध्यान
सेल्फ डिसिप्लिन मेंटेन करें
शेड्यूल प्लानिंग रखें
कमियों पर फोकस करे
परेफेक्शन को हैबिट बनाएं
दूसरों से होड़ न करे
डेडिकेशन
स्किल डेवलपमेंट पर जोर दें
पेरेंट्स बरते सावधानी
बच्चों को मोबाइल यूज करने का टाइम निर्धारित कर दें
बैलेंस बनाकर रखें
बच्चों को मोटिवेट करें
घर और आसपास का माहौल सकारात्मक रखे।
रिजल्ट को एक्सेप्ट करें, अपनी इच्छा बच्चों पर न थोंपे
बच्चों को इमोशनली स्पोर्ट करें
खाने-पीने का ध्यान रखें ।
लास्ट डेज में ऐसे करें तैयारी
चैप्टर वाइज इनिशियल वेटेज को जरूर देखे
शार्ट नोट्स बना लें, उससे तैयारी करें
समय का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करे
पूरा समय पढ़ाई को देने की कोशिश करे
बोल-बोल कर व लिख-लिख कर रिवाइज करे
नेचर वॉक लें या एक्सराइज जरूर करे ।
रियलस्टिक गोल्स एप्रोच करे
एग्जाम डे में रहे तैयार
एग्जाम से एक दिन पहले किट तैयार कर लें, पेन, पेंसिल एक्सट्रा जरूर रखें, एडमिट कार्ड का ध्यान रखें
कांफिडेंस लेवल बनाकर रखें, प्रेशर न लें।
समय से आधा घंटे पहले सेंटर पर पहुंचे।
व्हीकल तेज न चलाएं या पब्लिक ट्रांसपोर्ट लें
जो सवाल पहले आता है उसे करें
कोई भी सवाल छोड़े नहीं । गेस वर्क करे
क्वेश्चन पेपर को पूरा पढ़े और फिर काम शुरु करें
राइटिंग स्किल्स से होंगे मार्क्स स्कोर
जो भी लिखें साफ-साफ लिखें
फ्लोचार्ट, डायग्राम जरूर बनाएं
प्रेजेंटेशन का ध्यान रखें
की वर्ड्स का यूज करें, अंडर लाइन करें
टू दी प्वाइंट आंसर लिखे।
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