- नदी को प्रदूषित करने का दोषी मानते हुए एनजीटी ने लगाया जुर्माना

- भविष्य में दोबारा ऐसा न करने की भी दी एनजीटी ने चेतावनी

DEHRADUN: अलकनंदा पर हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहे टीएचडीसी पर एनजीटी ने भ्0 लाख का जुर्माना ठोका है। ये जुर्माना कॉर्पोरेशन द्वारा अलकनंदा नदी में कचरा फेंकने को लेकर लगाया गया है। कंपनी को जुर्माने की रकम दो हफ्ते के भीतर जमा करानी होगी। इस मामले में एनजीटी में एक याचिका दायर की गई थी। एनजीटी ने कंपनी को अलकनंदा नदी को प्रदूषित करने का जिम्मेदार माना है साथ ही चेतावनी दी है कि भविष्य में कंपनी ऐसा दोबारा न करे।

दायर की गई थी याचिका

एनजीटी में याचिका दायर करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता विमल भाई ने कहा था कि चमोली में विष्णुगाड़-पीपलकोटी पावर प्लांट के पास बन रही एक रोड से निकला मलबा सीधे अलकनंदा नदी में डाल दिया गया था। करीब एक साल से ज्यादा चली कानूनी लड़ाई में टीएचडीसी बार-बार कहती रही कि उसने कभी नदी में मलबा नहीं डाला, लेकिन पीठ ने विमल भाई की ओर से प्रस्तुत किये गए सबूतों के आधार पर टीएचडीसी को नदी में मलबा डालने का दोषी माना है। एनजीटी ने टीएचडीसी से कहा कि यदि वह चाहे तो जुर्माने की रकम में से ख्0 लाख रुपए परियोजना में शामिल सड़क निर्माण करने वाली कंपनी से वसूल सकती है। याचिकाकर्ता ने एनजीटी के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि इस आदेश से साबित हो गया है कि बांध कंपनियां पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करती हैं और प्रशासन की मिलीभगत से बच जाती हैं।