- 127 परीक्षा केंद्र बनाए गए सीटैट एग्जाम को

- 1.16 लाख कैंडीडेट्स को देना था एग्जाम

- 1 लाख कैंडीडेट्स एग्जाम में हुए शामिल

- 2 पाली में हुआ एग्जाम

- सीटैट के एग्जाम में मैथ्स के गुणाभाग से भी परेशान हुए कैंडीडेट्स

- करीब 5 प्रतिशत कैंडीडेट्स ने छोड़ दिया पेपर

LUCKNOW : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन सीबीएसई ने संडे को सीटैट एग्जाम कराया। कैंडीडेट्स जहां मैथ्स के गुणाभाग से परेशान हुए तो वहीं लंबे पैसेज के सवालों से समय की कमी से जूझते हुए नजर आए। दोनो ही पालियों में सवाल काफी लंबे रहे खासकर पैसेज में कैंडीडेट्स को काफी परेशानी हुई। कैंडीडेट्स को ढाई घंटे में डेढ़ सौ सवाल हल करने थे। ऐसे में एक सवाल के लिए एक मिनट ही कैंडीडेट्स को मिला जबकि पैसेज को पढ़ने में ही पंद्रह मिनट निकल गए।

127 परीक्षा केंद्र बनाए गए

वहीं कैंडीडेट्स को मैथ्स और इनवायरमेंटल साइंस के सवालों ने भी काफी हैरान किया जबकि साइकोलॉजी और बाल विकास के सवालों ने कुछ राहत दी। राजधानी में सीटीईटी के लिए 127 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां 1.16 लाख कैंडीडेट्स को परीक्षा देनी थी। इसमें एक लाख से अधिक कैंडीडेट्स परीक्षा में शामिल हुए। सुबह साढ़े नौ से बारह बजे के बीच जूनियर क्लास के लिए दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा हुई। दोपहर दो बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच प्राइमरी क्लास के लिए पहले प्रश्नपत्र की परीक्षा हुई। पहली पाली में ज्यादा कैंडीडेट्स शामिल हुए वहीं कई कैंडीडेट्स ने दोनों परीक्षाएं दीं।

पिछले साल के मुकाबले मुश्किल रहा पेपर

साइंस बैकग्राउंड के राज ने बताया कि मैथ्स के सवाल काफी घुमाकर पूछे गए जिन्हे हल करने में काफी दिक्कत हुई। टाइम ऐंड डिस्टेंस, एलजेब्रा, पैडागॉगी के सवाल काफी मुश्किल रहे। वहीं आ‌र्ट्स बैकग्राउंड की नेहा मिश्रा ने बताया कि सेकंड पेपर में हिंदी का सेक्शन सबसे आसान था जबकि सोशल स्टडीज में हिस्ट्री और जियोग्राफी के सवाल इतने मुश्किल थे कि समझ में नहीं आए। श्वेता ने बताया कि इंग्लिश के पैसेज काफी लंबे आए थे जिनके सवालों को हल करने में काफी दिक्कत हुई। वंदना ने बताया कि हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही पैसेज बहुत लंबे थे, वहीं सवाल भी जो पूछे गए वो सीधे सीधे नहीं थी उन्हें हल करने के लिए साइकोलाजिकल ट्रिक भी लगानी पड़ रही थी, जिसे करने में काफी मुश्किल हुई। सवाल इतने ज्यादा टाइम टेकिंग थे कि जितना समय एक सवाल के लिए मिल रहा था उससे तीन गुना समय लग रहा था।