कानपुर। Papmochani Ekadashi 2020 : इस वर्ष 19 मार्च को पापमोचनी एकादशी पड़ रही है। इस बार ये एक दिन न हो कर दो दिनों तक रहेगी। ये सम्वत के हिसाब से आखिरी एकादशी है। इस वर्ष पापमोचनी एकादशी 19 मार्च प्रात: 4:26 बजे से शुरु हो रही है। इसके अलावा ये 20 मार्च प्रात: 5:59 बजे समाप्त होगी। वहीं एकादशी के व्रत का पारण 20 मार्च को सुबह 6:24 बजे से लेकर 7:55 बजे तक के बीच में होगा। बता दें कि पंचांग मुताबिक मास कृष्ण पक्ष के दौरान पड़ता है।

एकादशी व्रत के पारण कब करें व कब नहीं

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए तो ऐसी स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाना चाहिए। बता दें कि द्वादशी तिथि के अंदर यदि आप एकादशी व्रत का पारण नहीं कर पाए तो बाद में पारण करने से कोई लाभ नहीं क्योंकि उसे पाप की श्रेणी में रखा जाता है। एकादशी व्रत के पारण को लेकर एक और मान्यता है कि ये हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। इसलिए श्रद्धालुओं को हरि वासर की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर पारण करें।

गृहस्थ या परिवार वाले श्रद्धालु 19 मार्च को एकादशी व्रत रखें

यदि कुछ श्रद्धालू किसी कारणवश सुबह पारण कर पाने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें दोपहर के बाद पारण करना चाहिए। जब एकादशी दो दिनों के मेल में हो तब गृस्थ यानि कि परिवार वालों को पहले दिन ही व्रत रखना चाहिए। कहते हैं कि दूसरे दिन की एकादशी सन्यासियों, विधवाओं व मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं की होती है। ये व्रत रख कर श्रद्धालु विष्णु भगवान को प्रसन्न करेंगे तो उत्तम फल मिलेगा। मालूम हो जब- जब एकादशी दो दिन होती है तब- तब वैष्णव एकादशी दूसरे दिन पड़ने वाली एकादशी को मनाई जाती है।