पटना (एएनआई)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अब राजनैतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर स्थितियां हैं। यहां हालात ऐसे हैं कि कब काैन किस पार्टी का दामन थाम ले कुछ भी कहना असंभव है। बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पप्पू यादव की जन अधिक्कार पार्टी (JAP) और चंद्रशेखर आजाद रावण की आजाद समाज पार्टी (ASP) ने सोमवार को हाथ मिलाया। इस कदम के बाद पप्पू यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि बिहार में दो गठबंधन हैं, एक जातिवादी है और दूसरा सांप्रदायिक है। हमारा गठबंधन मानवीय है। यह गठबंधन समाजवाद के बारे में है, न कि राजनीति के बारे में। हम आने वाले दिनों में गठबंधन का चेहरा घोषित करेंगे।

हम सभी का स्वागत करेंगे जो बिहार को बचाना चाहते

पप्पू यादव ने यह भी ऐलान किया कि यह अंतिम गठबंधन नहीं है। हम अगले दो दिनों में एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम के साथ आएंगे। हम सभी का स्वागत करेंगे जो बिहार को बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा के स्वागत के लिए तैयार हैं और हम कांग्रेस के स्वागत के लिए भी तैयार हैं। वहीं चंद्रशेखर आजाद ने कहा, हम हमेशा उन जगहों पर उपलब्ध रहेंगे जहां न्याय के लिए लड़ाई चल रही है। चुनाव आयोग ने घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। इसमें पहला चरण 28 अक्टूबर, दूसरा चरण 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। वहीं विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 नवंबर को होगी।

2015 जदयू, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था

2015 के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के बैनर तले जदयू, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और अन्य सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ा था। 80 सीटों वाली राजद चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, उसके बाद जदयू (71) और भाजपा (53) थी। हालांकि, भाजपा को सबसे बड़ा वोट शेयर (24.42 प्रतिशत) मिला, उसके बाद राजद को 18.35 प्रतिशत और जदयू (16.83 प्रतिशत) को वोट मिला। हालांकि, 2017 में जेडीयू और आरजेडी के बीच एक दरार पैदा हुई, जिससे सीएम नीतीश कुमार बिहार में सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी से जुड़ गए थे।