-स्कूल मेंपढ़ने वाले बच्चों की मदद से बनाया जाएगा साक्षर

-सबसे पहले नाम लिखना और सरल वाक्य का कराया जाएगा ज्ञान

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BAREILLY : प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में जल्द ही बच्चों के साथ ही उनकी मां भी पढ़ने जाएंगी, जहां बच्चे ही मां को पढ़ाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जो पढ़ना-लिखना नहीं जानती हैं। मकसद है कि यह महिलाएं भी जब साक्षर होंगी तो अपने बच्चे को भी शिक्षा दे पाएंगी। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को जिम्मेदारी दी गई है। छह महिलाओं का एक समूह बनाकर उन्हें बच्चों की मदद से साक्षर किया जाएगा।

एक समूह में छह महिलाएं

डिस्ट्रिक्ट में 3094 परिषदीय स्कूल हैं और इनमें करीब 3 लाख 15 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। एडी बेसिक ने बताया कि शिक्षक स्कूलों की सभी गतिविधियां कराते हैं। उनके भार को कम करने के लिए परिषदीय स्कूलों में माता समूह का गठन किया गया है। इन समूहों में स्कूल में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की मां शामिल हैं। एक समूह में छह महिलाएं शामिल हैं। इस योजना के तहत यह देखा जाएगा कि कि समूह में कितनी महिलाएं साक्षर नहीं हैं। उनकी पहचान करने के बाद स्कूलों के प्रधानाचार्य उन्हें साक्षर करेंगे।

तीन माह में करें साक्षर

शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि बच्चों के पेरेंट्स यानि विशेष कर उनकी माताओं का समूह बनाकर तीन माह में साक्षर बनाना होगा। परिषदीय स्कूल्स में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स डेली अपने माता-पिता को पढ़ाएंगे। सबसे पहले उन्हें हिन्दी वर्णमाला पढ़ाई जाएगी। इसके बाद नाम लिखना और सरल वाक्यों को पढ़ना सिखाएंगे। यह योजना खंड शिक्षाधिकारियों की देखरेख में चलाई जाएगी।

बच्चों को करेंगे प्रेरित

परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बहुत से बच्चे ऐसे हैं जिनके पेरेंट्स नाम तक लिखना नहीं जानते हैं। योजना में ऐसे लोगों को पढ़ाने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा।

फैक्ट्स

2100-प्राइमरी स्कूल

794-जूनियर हाईस्कूल

3.15-लाख कुल बेसिक स्कूल्स में स्टूडेंट्स

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सभी प्रधानाध्यापक को बीएसए के माध्यम से आदेश दिया गया है कि वह बेसिक स्कूल्स में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स को साक्षर बनाने के लिए प्रयास करें। इसमें बच्चों की भी मदद ली जाएगी। बच्चों के पेरेंट्स साक्षर होंगे तभी वह शिक्षा के महत्व को समझेंगे।

एसएन सिंह, एडी बेसिक