मुस्लिम नेता मौन क्यों
जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पेरिस में आतंकी हमले को लेकर इस्लामी देशों की चुप्पी पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं ने आतंकियों की निंदा की, लेकिन मुस्लिम नेता क्यों मौन हैं? वे आतंक के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठा रहे? उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि हर किसी को धर्म पर सवाल उठाने का अधिकार है, खासकर उस धर्म पर जो सवालों से बचता हो. तस्लीमा के मुताबिक सभी धर्मों के रूढि़वादी एक जैसे नहीं हैं. इस्लामी रूढि़वादी कहीं अधिक खतरनाक हैं.


 

फ्रांस दूतावास में श्रद्धाजंलि सभा
पेरिस में बुधवार को एक पत्रिका के दफ्तर में आतंकी हमले में मारे गए लोगों को लेकर दिल्ली में रहने वाले फ्रांस के लोग आहत हैं. चाणक्यपुरी स्थित फ्रांस दूतावास में मृत आत्माओं की शांति के लिए बृहस्पतिवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इसमें दूतावास कर्मियों के साथ राजधानी में रह रहे फ्रांस के लोग भी शामिल हुए. उनके हाथों में आतंकवाद विरोधी और शांति का पैगाम देते प्लेबोर्ड थे.

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