-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने राइट टू पडेस्ट्रियन कैंपेन किया शुरू

-अयूब खां चौराहा से चौपुला रोड के फुटपाथ लगे ठेले और सर्विस लेन में पार्किंग

बरेली: शहर में कदम-कदम पर बरेलियंस को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पॉश एरिया और मेन मार्केट में भी बरेलियंस का पैदल चल पाना मुश्किल हो गया है। पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए फुटपाथ और सर्विस लेन पर कहीं दुकानें सजा ली गई हैं तो कहीं पार्किंग बना ली गई है। इसे लेकर जिम्मेदार भी कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। शहर के पडेस्ट्रियन की इस परेशानी को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट वेडनसडे से राइट टू पडेस्ट्रियन कैंपेन शुरू कर रहा है, जिसमें शहर के अलग-अलग एरिया की सड़कों पर बने फुटपाथ और सर्विस लेन पर अवैध कब्जे को उजागर करने के साथ ही पैदल चलने वालों की समस्याओं को भी सामने लेकर आएगा।

शॉप से सड़क तक कब्जा

अयूब खां चौराहा से चौपुला चौराहा तक सड़क के दोनों ओर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ के साथ सर्विस लेन भी है। बावजूद इसके लोग सड़क पर चलने को मजबूर हैं। वजह है कि यहां पार्किंग के लिए जगह ही नहीं है, ऐसे में यहां शॉप ओनर्स से लेकर शॉपिंग करने के लिए आने वाले लोग भी अपने व्हीकल्स सर्विस लेन में ही पार्क कर देते हैं। इतना ही नहीं सड़क किनारे फुटपाथ को भी पार्किंग बना दिया गया है।

टैक्सी स्टैंड भी बना दिया

इस रोड की सर्विस लेने पर कब्जा करने में ट्रैवल एजेंट भी पीछे नहीं हैं। सर्विस लेने में ही टैक्सी स्टैंड बना दिया गया है, जहां दिनभर दर्जनों टैक्सी और बसें खड़ी रहती हैं। चंद कदम की दूरी पर चौपुला चौराहा पर दिनभर पुलिस की ड्यूटी रहती है, लेकिन इस अवैध टैक्सी स्टैंड को पुलिस भी अनदेखा किए हुए है।

पुलिस ने बेच दिया फुटपाथ

सपा कार्यालय मोड़ से लेकर चौपुला चौराहा तक कई जगह फुटपाथ पर ही ठेले वालों ने भी कब्जा जमा रखा है। सुबह से लेकर देर शाम तक फुटपाथ पर ठेले खड़े रहते हैं, जिससे पैदल राहगीरों को मजबूर होकर सड़क पर चलना पड़ता है। यहां ठेला लगाने वालों ने बताया कि पुलिस वाले कभी-कभी आते हैं और 100 या 200 रुपए का चालान कर जाते हैं, चालान की रसीद दिखाने के सवाल पर ठेले वालों का कहना था कि उन्हें चालान की कभी कोई रसीद पुलिस वालों ने नहीं दी, बस रुपये लेकर चले जाते हैं।

पुलिस नहीं लेती एक्शन

कुछ आगे चलने पर सिर्विस लेन के पास यूपी 100 की पीआरवी खड़ी दिखाई दी। पास ही सर्विस लेन में दर्जन भर से ज्यादा गाडि़यां खड़ी थीं, लेकिन पीआरवी के जवानों ने सर्विस लेने में खड़ी इन टैक्सियों को हटवाने की जरूरत नहीं समझी।

यहां ठेला लगाकर परिवार का खर्च चलाते हैं, कभी-कभी नगर निगम या पुलिस वाले आकर कभी सौ तो कभी दो सौ रुपए ले जाते हैं।

जेपी सिंह

यहां ठेला लगाने के लिए कोई नहीं रोकता है, पुलिस वाले कभी-कभी चालान करके रुपए ले जाते हैं, लेकिन उसकी कोई रसीद कभी नहीं देते हैं।

रामकुमार

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फुटपाथ पैदल चलने वाले लोगों के लिए ही बनाए जाते हैं, लेकिन यहां फुटपाथ तो बचा ही नहीं है। कहीं गाडि़यां खड़ी कर दी गई हैं तो कहीं ठेले वालों ने कब्जा कर लिया है, पैदल चलने वालों के लिए तो जगह ही नहीं है।

सुखविंदर सिंह

सड़क पर चलना हमारी मजबूरी है। अधिकारियों को यह सोचना चाहिए कि जो फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए बने हैं उन पर किसी तरह का अतिक्रमण न हो, लेकिन न तो लोग इस पर ध्यान देते हैं और न ही अधिकारी।

उद्देश्य कपूर

जब तक लोग खुद अवेयर नहीं होंगे तब तक इस प्रॉब्लम का कोई हल नहीं निकल सकता। लोगों को फुटपाथ पर अपने वाहन पार्क करते समय यह सोचना चाहिए कि उनके ऐसा करने से कितने लोगों को परेशानी होगी।

निहाल