RANCHI : आज की युवा पीढ़ी कई तरह के तनावों के दौर से गुजर रही है। वायलेंस, सेक्सुअल एब्यूज, कम समय में अधिक पाने की इच्छा युवाओं को मेंटली बीमार कर रहा है। इसी वजह से बच्चों और युवाओं के बिहेवियर में अचानक से बदलाव आ रहा है। कई बार तो छोटी-छोटी बातों पर ही यूथ सुसाइड तक कर ले रहे है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति और भयावह हो सकती है। ये बातें व‌र्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में साइकियाट्रिस्ट डॉ अशोक प्रसाद ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस साल का थीम बदलते परिवेश में युवा और उनका मानसिक स्वास्थ्य रखा गया है, ताकि लोगों को इस तरह के बदलावों से अवेयर कराया जा सके। मौके पर डॉ एजय बाखला और डॉ केशव के अलावा कई मेडिकोज मौजूद थे।

बिहेवियर में बदलाव तो करें बात

इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल यूथ्स को अधिक बीमार बना रहा है। ऐसे में पैरेंट्स से बेहतर कोई काउंसेलर नहीं हो सकता है। पैरेंट्स को अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी कि अचानक उसके बिहेवियर मेिं बदलाव क्यों आ रहा है। वहीं, आसपास रहने वाले लोग और दोस्त भी अगर ध्यान दें यूथ्स को डिप्रेशन से बचाया जा सकता है। चूंकि, डिप्रेशन में आने के बाद ही वे सुसाइड जैसे खतरनाक कदम उठा लेते है। इस कैटेगरी में 15-29 साल तक के यूथ शामिल है जो सुसाइड को ही चुनते है।

इन बातों का पैरेंट्स रखें ध्यान

-नींद की आदत डालें

-फिजिकल एक्टिविटी को दे बढ़ावा

-कॅरियर को लेकर न बनाए दबाव

-काउंसेलर या साइकियाट्रिस्ट की मदद लें

विनर बने प्रांजल प्रमोद

व‌र्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर रिम्स के साइकियाट्री डिपार्टमेंट में एसे राइटिंग कांप्टीशन का आयोजन किया गया। जिसका सब्जेक्ट था -बदलते परिवेश में युवा और उनका मानसिक स्वास्थ्य। इसमें रिम्स के 40 मेडिकोज ने पार्टिसिपेट किया। इस कांप्टीशन में प्रांजल प्रमोद फ‌र्स्ट(10 हजार रु.), यश राज सिंह सेकेंड (7500 रु.)और शंकर नाथ को थर्ड प्राइज (5000 रु.) दिया गया। इसके अलावा 6 स्टूडेंट्स को सांत्वना प्राइज और दो मेडिकोज को एक-एक हजार का स्पेशल प्राइज दिया गया।