ताबदला आदेश की होगी समीक्षा
बताते चलें कि नौ जनवरी को आर के गुप्ता के तबादले का आदेश जारी हुआ था. उन्हें इसका पत्र दो फरवरी को उस समय मिला, जब अग्नि 5 मिसाइल के परीक्षण के बाद वह अपने ऑफिस में वापस लौटे. वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्रिकर ने मिसाइल एंड स्ट्रैटिजिक सिस्टम के महानिदेशक वी के शेखरन को इस बात का निर्देश दिया है कि तबादला आदेश की सबसे पहले हर तरह से समीक्षा की जाये. उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जायेगा.

रक्षा मंत्री खुद जायेंगे हैदराबाद
मामले को लेकर ऐसा भी समझा जाता है कि डीआरडीओ में आला स्तर पर वैज्ञानिकों के बीच चल रही रस्साकशी से निबटने के लिये रक्षा मंत्री खुद हैदराबाद जायेंगे. बता दें कि यहां बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास पर शोध कार्य किये जाते हैं. यहां पर मिसाइलों के विकास के लिये कई तरह की प्रयोगशालायें हैं. रक्षा सूत्रों की मानें तो अग्नि 5 के विकास में आर के गुप्ता का बेहद अहम योगदान माना जाता है. इसको देखते हुये उन्हें इस प्रोजेक्ट से हटाने पर बेहद हैरानी हुई है. इसके अलावा सूत्रों ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय को इस फैसले की जानकारी बिल्कुल भी नहीं थी.
 
रक्षा मंत्रालय में उठाया कदम
इस घटनाक्रम के बाद रक्षा मंत्रालय ने अब एक और नया कदम उठाया है. वह यह है कि मंत्रालय की ओर से बीते एक महीने में क्लियर की गई सभी फाइलों की समीक्षा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से डॉ. अविनाश चंदर का कार्यकाल 31 जनवरी से समाप्त कर दिया गया था. पिछली सरकार की ओर से डॉ. चंदर को कॉन्ट्रैक्ट पर 18 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था, तब से वह सेवा में थे.

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