RANCHI :अगर आप किसी काम से कहीं जा रहे हैं और रास्ते में तेज बारिश शुरू हो जाये तो अपने बचाव की व्यवस्था खुद करें क्योंकि शहर में कहीं भी यात्री शेड नहीं है जहां जाकर आप बारिश से बच सकें या आराम कर सकें। जबकि सिटी में अलग स्थानों पर यात्री शेड निर्माण कराने की जिम्मेवारी नगर निगम की है। लेकिन उसे टैक्स वसूलने से फुर्सत ही नहीं है जो वह नागरिकों की इन छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करा सके। कचहरी से लेकर सर्कुलर रोड हो, आईटीआई बस स्टैंड या रातू रोड हो, इन सभी स्थानों पर यात्री शेड बनवाये तो जरूर गए लेकिन रखरखाव के अभाव में वह पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। इनका नामोनिशान भी नहीं बचा है। इसी कड़ी में जाकिर हुसैन पार्क के पास बनवाये गए यात्री शेड से बारिश होने पर पानी टपकता है जिससे बच पाना मुश्किल होता है।

नागरिक सुविधा पर नहीं ध्यान

नगर निगम में नागरिक सुविधा के लिए हर साल करोड़ों रुपए का बजट तैयार होता है। इस वित्तीय वर्ष में भी नागरिक सुविधा के लिए 20 करोड़ बजट पास किया गया है। लेकिन शहर में इस राशि से जो काम होना चाहिए वह अब तक नजर नहीं आ रहा। नागरिकों की सुविधा के लिए पहले से निर्मित यात्री शेड को भी नगर निगम सुरक्षित रख पाने में कामयाब नहीं है। पहले से निर्मित शेड की हालत काफी खराब हो चुके हैं। किसी यात्री शेड में छत ध्वस्त हो चुकी है तो कहीं कुर्सियां टूट चुकी हैं।

विज्ञापन से आ रहे लाखों रुपए

नगर निगम इन यात्री शेड को दुरुस्त तो नहीं करा रहा लेकिन इन शेड में विज्ञापन लगवाकर महीने में लाखों रुपए कमा रहा है। सर्कुलर रोड में बने यात्री शेड में सेलवेल के विज्ञापन लगवा कर निगम पैसे कमा रहा है। विज्ञापन लगाने वाली कंपनी को ही रखरखाव भी करना था, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।

यात्री शेड में लग रही दुकान

वीमेंस कॉलेज के पास बने यात्री शेड में अब छोला, भटूरा, चाट, और जूस की दुकाने लगती हैं। जहां आम नागरिकों के बैठने का स्थान होना चाहिए वहां इन ठेले वालों ने अपनी दुकानें सजा रखी हैं।

वर्जन

टेंडर हो चुका है। एक महीने में यात्री शेड के लोकेशन का सर्वे किया जायेगा। इसके बाद टेंडर लेने वाली कंपनी ही इसका निर्माण करेगी और रखरखाव भी वही करेगी। इसके लिए कंपनी को विज्ञापन लगाने की छूट रहेगी, साथ ही निगम कुछ शुल्क वसूल करेगा।

सौरव कुमार, मार्केट सेक्शन ऑफिसर, नगर निगम रांची