छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : मानगो बस स्टैंड से चलने वाली लंबी दूरी की यात्री बसों का इस्तेमाल ट्रकों की तरह हो रहा है। यात्री बसों की छतों पर क्षमता से ज्यादा सामानों लादे जा रहे हैं। बसों में इतने सामानों के बोरे लदे होते हैं, कि अगर रास्ते में बिजली के तार से यह सट जाए तो बड़े हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं, ज्यादा बसों के अनियंत्रित होकर पलटने की भी आशंका बनी रहती है, लेकिन मजबूरी में यात्री अपनी जान जोखिम में डाल इन बसों से सफर करने को मजबूर हैं। इन यात्री बसों में नियम विरुद्ध सामान लादे जा रहे हैं, लेकिन जिला परिवहन विभाग इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है।

माल ढुलाई में हो रहा इस्तेमाल

लंबी दूरी की ज्यादातर यात्री बसों का इस्तेमाल माल ढोने में भी धड़ल्ले से हो रहा है। चूंकि, ट्रकों से सामानों को बुक कर दूसरे जगह भेजना ज्यादा महंगा पड़ता है, ऐसे में कारोबारी अब अपने सामानों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए बसों का सहारा ले रहे हैं। इस बाबत ट्रांसपोटर्स ने बताया कि टाटा से पटना तक ट्रक का भाड़ा आठ हजार रुपए प्रति टन है। इस लिहाज से सौ किलो के एक बोरे या पैकेट का भाड़ा 800 रुपये तक पड़ता है, जबकि इतनी ही वजह का सामान अगर बसों से भेजा जाय तो मात्र तीन सौ रुपए खर्च करने होंगे।

बढ़ जाती है बसों की ऊंचाई

सामान्य बसों की ऊंचाई 10.5 फीट होती है। अगर बस स्लीपरयुक्त हो तो 3.5 फीट ऊंचाई और बढ़ जाती है। इन बसों पर अगर सामानों के बोरे लादने पर चार-फीट ऊंचाई और बढ़ जाती है। अगर रास्ते में कहीं बिजली के तार नीचे झूल रहे हों तो बसों के सटने की आशंका बनी रहती है, जो बड़े हादसे की भी वजह बन सकती है।

150 बोरा तक सामान लादे जाते

यात्री बसों की छतों पर 150 बोरा तक सामान लादे जाते हैं। हालांकि, ये सामान 50-50 केजी का बोरे का पैकेट बनाकर बसों में रखे जाते हैं । इन बोरों को भेजने का किराया होता है, यह पूछे जाने पर बसों के काउंटर संचालक ने बताया कि टाटा से बिहारशरीफ के लिए 50 किलो के पैकेट का भाड़ा 130 रुपए है, जबकि दूरी के हिसाब से अन्य शहरों का भाड़ा अलग-अलग है।

सामान भेजने का कितना है किराया

रूट वजन किराया

जमशेदपुर से पटना -50 किलो का पैकेट 150 रुपए

जमशेदपुर से सीवान - 50 किलो का पैकेट 130 रुपए

जमशेदपुर से आरा- 50 किलो का पैकेट 90 रुपए

जमशेदपुर से रांची - 50 किलो का पैकेट 70 रुपए

जमशेदपुर से धनबाद -50 किलो का पैकेट 60 रुपए

जमशेदपुर से बोकारो - 50 किलो का पैकेट 50 रुपए

नियम के खिलाफ लादे जा रहे सामान, पर एक्शन नहीं

इन बसों को माल ढुलाई की परमिट नहीं मिली है। इसके बाद भी जिला परिवहन विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। इन बसों को परिवहन विभाग के नियमों का मजाक उड़ाने की छूट है। बस अधिकारी साल में एक बार अपना कोरम पूरा करने के लिए छापामारी करते हैं और प्रति बस 1000 रुपये तक का जुर्माना कर कागजी कार्रवाई पूरी कर देते हैं। हालांकि, दो साल पहले तत्कालीन डीसी अमिताभ कौशल ने मानगो बस स्टैंड का औचक निरीक्षण कर कई ऐसे बसों को पकड़ा था, जिसमें सामान लादे हुए थे।