RANCHI: रांची समेत झारखंड के लोगों में सरहद पार उड़ान भरने की चाहत बढ़ी है। इसका खुलासा रिजनल पासपोर्ट कार्यालय के आंकड़ों से हुआ है, जहां से इस साल जुलाई तक ही म्0 हजार लोगों को पासपोर्ट मिल चुका है। वहीं, पिछले साल भी करीब 9ख् हजार लोगों ने पासपोर्ट बनवाया था। इधर, वर्ष ख्0क्7 में यह आंकड़ा एक लाख के पार होने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, कुक्स एंड किंग ट्रेवल्स कंपनी रांची की डायरेक्टर दीया सिंह का भी मानना है कि सात समंदर पार घूमने जाने वाले पर्यटकों की संख्या रांची समेत पूरे झारखंड में बढ़ी है। हर साल यूरोप, मलेशिया, यूएस, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया जैसे देश क्भ् से ख्0 हजार पर्यटक घूमने जा रहे हैं। इसके अलावा पासपोर्ट बनवाने के नियम सरल किए जाने के कारण भी विदेश घूमने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।

ख्भ् से ब्0 साल के युवा अधिक

रिजनल पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों की मानें, तो पासपोर्ट बनाने वालों में ख्भ् साल से ब्0 साल उम्र के लोगों की संख्या अधिक है। इनमें से अधिकतर आवेदन करने वाले लोग घूमने या नौकरी का ही कॉलम भरते हैं। इसके अलावा हज जाने वाले करीब पांच हजार से अधिक लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं।

पासपोर्ट बनवाना पहले से ज्यादा आसान

-जन्म तिथि के लिए जन्म प्रमाण पत्र के अलावा आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पॉलिसी बांड, लाइफ इंश्योरेंस, स्कूल का टीसी या एजुकेशन का आखिरी सर्टिफिकेट भी मान्य है, जिसमें बर्थ डेट हो।

-नए नियम के अनुसार, नाबालिगों के पासपोर्ट माता या पिता में से किसी एक के दस्तावेज से ही बन जाएंगे।

-शादीशुदा लोगों को पासपोर्ट बनवाने में मैरिज सर्टिफि केट की जरूरत भी खत्म कर दी गई।

-अनुलग्नकों को नोटरी या न्यायिक मजिस्ट्रेट के सत्यापित शपथ पत्र के रूप में देने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सादे कागज पर अनुलग्नक प्रिंट करके देने से भी मान्य होगा।

-पासपोर्ट के लिए अनुलग्नकों की संख्या क्भ् से घटाकर 9 कर दी गई है,

-तलाकशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी का नाम देना जरूरी नहीं है

-अनाथ बच्चों की जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में मैट्रिक या कोर्ट का प्रमाणपत्र नहीं है, तो अनाथालय प्रमुख के लेटरहेड पर लिखकर देने से भी काम चल जाएगा।

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खाड़ी देशों में काम करना युवाओं की पहली पसंद

विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या हाल के वषरें में बढ़ी है। इनमें युवाओं की संख्या अधिक है। सऊदी अरब, दुबई, ओमान, कतर जैसे खाड़ी देशों में काम करना युवाओं की अब पहली पसंद बनती जा रही है।