RANCHI: विदेश जाकर अपने सपनों को साकार करने का सपना हर किसी का होता है। लेकिन इन सपनों को उड़ान देने के लिए सात समंदर पार भी करने होते हैं। इससे पहले जो इतनी आसान से मुमकिन नही। जी हां, हम बात कर उन कागजात की जिसके बिना हम अपने देश की सीमा नही लांघ सकते। यहां हम पासपोर्ट की बात कर रहें जिसको बनाने के हर दिन सैंकड़ों लोग मशक्कत करते हैं। लेकिन फर्जीवाड़ा करने से लोग यहां भी बाज नही आते।

केस -1

भरना पड़ा पेनाल्टी

तीन दिन पहले रांची पासपोर्ट ऑफिस में रांची के ही आठ पासपोर्ट एप्लीकेशन रद कर दिए गए। इन एप्लीकेशन की जब जांच की गई तो पाया गया कि बर्थ सर्टीफिकेट ही फर्जी है। इन एप्लीकेंट पर फर्जी करने के आरोप में डिपार्टमेंट की ओर से पेनाल्टी फाइन भी लगाई गई।

केस- 2

जमशेदपुर के 14 फॉर्म रद

पासपोर्ट ऑफिस में स्क्रूटनी से संबंधित जमशेदपुर के 14 एप्लीकेंट्स के फॉर्म रद कर दिए गए, क्योंकि इन सबमें दिए गए सर्टीफिकेट ही फर्जी थे। खासकर बर्थ सर्टीफिकेट जिसमें पैसे देकर कहीं से फर्जी सर्टीफिकेट तैयार करवा लिया गया था। जांच के बाद असलियत सामने आ गई।

सीन- 3

डॉक्टर दंपति को महंगा पड़ा फर्जीवाड़ा

हाल ही में एक डॉक्टर दंपति को भी फर्जी सर्टिफिकेट के साथ पासपोर्ट के लिए एप्लाई करना महंगा पड़ गया। पासपोर्ट ऑफिस की ओर से की गई इनक्वेरी के बाद ये मामला सामने आया। पूछताछ में बताया गया कि सात सौ रुपए में किसी दलाल से फर्जी बर्थ सर्टीफिकेट बनवाया था, क्योंकि पासपोर्ट जल्द से जल्द चाहिए थे। दंपति को पेनाल्टी के साथ ऑरिजनल सर्टीफिकेट बनवाने का भी निर्देश दिया गया।

बगैर फर्जीवाड़ा पासपोर्ट बनाना बेहद आसान

.फॉर योर हेल्प का लोगो लगाएं।

- तमाम प्रज्ञा केंद्र पर पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे जा सकते हैं।

- प्रज्ञा केंद्र संचालकों को ई बैलेट की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके जरिए वो पासपोर्ट ऑफिस को पेमेंट करते हैं और एप्लीकेंट से कैश लेते हैं।

-केंद्र संचालक को निर्देश है कि वे सर्विस चार्ज सौ रुपए से ज्यादा नहीं ले सकते।

- रांची पासपोर्ट ऑफिस को डिजीटाईजेशन के साथ कम्प्यूटराईजेशन भी करा दिया गया है, इससे एप्लीकेंट का सारा डिटेल्स एक ही छत के नीचे लेना आसान हो गया है।

.बॉक्स लगाएं।

पासपोर्ट ऑफिस के आरपीओ सनातन से सीधी बातचीत

सवाल: पासपोर्ट ऑफिस तक दलालों की पहुंच कैसे होती है?

जवाब: हमारे यहां इतनी सरल और सुलभ व्यवस्था है कि कहीं भी किसी दलाल के लिए कोई स्कोप ही नहीं बचता। यहां तक कोई दलाल नहीं पहुंच पाता।

सवाल: एक दिन में कितने फॉर्म जमा होते हैं?

जवाब: हमारे ऑफिस में एक दिन में लगभग पांच सौ फॉर्म जमा होते हैं और डिस्पैच उससे भी ज्यादा होते हैं। टाइम ड्यूरेशन मेंटेन करने के लिए हमें दो सालों से इंडिया के सर्वश्रेष्ठ पासपोर्ट ऑफिस का अवार्ड मिल रहा है।

सवाल: तो कुछ फॉर्म क्यों रद हो जाते हैं?

जवाब: इन मामलों में अक्सर दिए गए डोक्यूमेंटेशन की गड़बड़ी या पुलिस वेरिफिकेशन में क्लियरेंस ना मिलने की वजह से ही फॉर्म रद हो जाते हैं।

सवाल: पासपोर्ट बनवाने में ज्यादा से ज्यादा कितना समय लगता है?

जवाब: आप जिस दिन पासपोर्ट के लिए एप्लाई करेंगे, उसी वक्त पासपोर्ट ऑफिस आने के लिए डेट और टाइम दे दिया जाता है। यहां आने के बाद एक दिन में ही सारे प्रॉसेस होते हैं फिर अधिकतम 21 दिनों के अंदर पासपोर्ट डिस्पैच कर दिया जाता है।

सवाल: बावजूद इतनी निष्पक्षता के लोग फर्जीवाड़े से बाज क्यों नहीं आते, ऐसे में आप क्या स्टेप लेते हैं?

जवाब: हमलोगों को बाध्य करते हैं कि वे सारे सर्टीफिकेट सही जमा करें अगर कोई फेक सर्टीफिकेट हो तो एप्लीकेंट को 5000 रु का जुर्माना देना होता है।

पासपोर्ट बनवाना है, तो ये जान लें

फॉर योर इनफॉरमेशन

- पासपोर्ट इंडिया डॉट जीओभी डॉट इन पर जाएं

- इंग्लिश और हिंदी दोनों लैंग्वेज के ऑप्शन यहां उपलब्ध हैं

- अगर पहले से रजिस्टर हैं, तो लॉग इन करें अन्यथा लॉग इन आईडी क्रिएट करें

- ट्रेवल एजेंट की हाइजैकिंग से बचाने के लिए लोगों को ऑनलाइन खुद अपना लॉग इन आईडी बनाकर एप्लाई करने की सुविधा दी गई है

-प्रज्ञा केंद्र पर जाकर फॉर्म भरने के 1500 रुपए देने होते हैं, जबकि खुद एप्लाई करें तो क्रेडिट कार्ड से 1.8 परसेंट सर्विस चार्ज ही कटता है

- साइट पर जाकर फॉर्म डाउनलोड कर लें और निकट के एसबीआई ब्रांच में जाकर चालान कटवा सकते हैं।

- एप्लीकेंट अगर 26 जनवरी 1989 के बाद जन्म लिया हो तो उसके फॉर्म के साथ बर्थ रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है।

- माइनर्स का पासपोर्ट बनाने के लिए पैरेंट्स का कंसेंट लेना होता है।

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पासपोर्ट बनाने के 505 मामले पड़े हैं पेडिंग ( डू यू नो का लोगो लगाएं)

रांची में पुलिस वैरीफिकेशन के अभाव में पासपोर्ट बनाने के 505 मामले पिछले महीने पेंडिंग थे। इसके अलावा ईस्ट सिंहभूम के एसी ऑफिस में 382 एप्लीकेशन, धनबाद में 259, रामगढ में 133, हजारीबाग में 112, बोकारो में और पाकुड़ में 65 अप्लीकेशन पेडिंग हैं।

वैरीफिकेशन रिपोर्ट नहीं मिलता

पासपोर्ट बनाने का प्रॉसेस दो दिनों में पूरा होना है, लेकिन इसे बनने में तीन महीने तक लग जाते हैं। पासपोर्ट कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन अप्लाई किए जाने के बाद संबंधित जिले के एसपी को रिपोर्ट भेजा जाता है। पुलिस को 21 दिन के अंदर वैरीफिकेशन रिपोर्ट देनी होती है, लेकिन कई महीने तक पुलिस वैरीफिकेशन रिपोर्ट नहीं भेजती है, जिस कारण पासपोर्ट बनने में वक्त लग जाता है।

पुलिस वैरीफिकेशन के लिए देते हैं 150 रुपए

पासपोर्ट ऑफिस प्रति पासपोर्ट पुलिस को वैरीफिकेशन के लिए 150 रुपए देती है। पासपोर्ट बनाने का प्रॉसेस शुरू होते ही रुपए भेज दिए जाते हैं, पर रिपोर्ट आने में दो महीने से अधिक समय लग जाता है। कई बार शिकायतें आती हैं कि पुलिस वैरीफिकेशन के नाम पर अप्लीकेंट से रुपए मांगती है। रुपए नहीं देने पर गलत रिपोर्ट देने की भी बात सामने आई है।