नहीं हैं हीटर की व्यवस्था

बच्चा वार्ड में भी नहीं हैं कोई

व्यवस्था

Meerut। एक तरफ सर्दी की ठिठुरन तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों की लापरवाही ने मरीजों के मर्ज को और बढ़ा दिया है। जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व महिला अस्पताल की स्थिति यह है कि यहां वाडरें में भर्ती मरीजों की सुविधा को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। यहां न तो रूम हीटर लगवाए गए हैं और न ही कंबल या रजाई का प्रबंध है। स्थिति यह है सर्दी से बचाव के लिए मरीजों के तीमारदारों को रजाई और कंबल साथ लेकर आना पड़ रहा है। गजब यह है कि कई जगह तो मरीजों के लिए चादर तक उपलब्ध नहीं हैं।

बच्चा वार्ड में भी नहीं हैं हीटर

मेडिकल व जिला अस्पताल में स्थिति यह है कि यहां बच्चा वार्ड में भी हीटर नहीं हैं। ऐसे में यहां भर्ती मरीजों को ठिठुरन से समय काटना पड़ रहा है। हालांकि बच्चों के लिए इस वजह से मुश्किल भी हो रही है। सर्दी से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हैं। जबकि रेक्सिन के गद्दे पर हल्की सी चादर सर्दी को और बढ़ावा दे रही है। जबकि उम्रदराज मरीजों के लिए भी यही स्थिति है।

अस्पताल में हीटर की कोई व्यवस्था नहीं हैं। रजाई और कंबल भी खुद के ही लाने होते हैं। सर्दी से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

नसरीन

हीटर तो बहुत दूर की बात है। चादर तक नहीं होती हैं। तीमारदारों के लिए व्यवस्था न होने की वजह से नीचे सोना पड़ता है। फर्श ठंडे होते है।

आफरा

जिला अस्पताल में हीटर की अभी तो कोई व्यवस्था नहीं हैं। मरीज की अपनी ही व्यवस्था होती है। अन्य सुविधाएं भी खास नहीं हैं।

नीला

इनका है कहना

हम जल्द ही हीटर की व्यवस्था कराने जा रहे हैं। अभी इस पर योजना तैयार की जा रही है।

डॉ। अजीत चौधरी, एसआईसी, मेडिकल कॉलेज

हीटर की अभी तो कोई व्यवस्था नहीं हैं। सरकार की ओर से ऐसे कोई निर्देश नहीं मिले हैं।

डॉ। पी.के बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल