आई एक्सक्लूसिव

-जिला अस्पताल में लगेगी मैकेनाइज्ड लॉंड्री

-दिनों और रंगों के हिसाब से बिछाई जाएंगी बेडशीट

-यूपीएचएसएसपी के अंतर्गत जिला अस्पताल में हो काम

Meerut। बेकद्री और बदहाली के लिए प्रसिद्ध सरकारी अस्पताल में अब प्राइवेट हॉस्पिटल से भी अधिक सुविधाएं देखने को मिलेंगी। यही कारण है कि उपकरणों से लेकर इलाज तक में आमूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है। यही हॉस्पिटल में साफ-सफाई से लेकर मरीजों की बेडशीट तक पर पूरा फोकस किया गया है। यही कारण है कि निकट भविष्य में जिला अस्पताल में कलर शीट कोड शुरू किया जा रहा है। अब न केवल दिनों के हिसाब से बेड पर कलरफुल शीट बिछाई जाएगी, बल्कि हर आठ घंटे बाद उसको चेंज भी किया जाएगा।

पीपीपी मॉडल पर चलेगी यूनिट

उ.प्र। हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग परियोजना (यूपीएचएसएसपी) के अंतर्गत मेरठ समेत प्रदेश के 51 जिला अस्पतालों को शामिल किया गया है। परियोजना के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों के इलाज और सुविधाओं में आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय से हुए यूपीएचएसएसपी के इस कांट्रेक्ट में लखनऊ की एजेंसी जेनरेटर प्राइवेट लिमिटेड को सर्विस प्रोवाइडर बनाया गया है। जिला अस्पतालों में होने वाले इस बदलाव के बजट का जिम्मा व‌र्ल्ड बैंक ने उठाया है, जबकि 15 प्रतिशत बजट एरेंज करने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकारी को उठानी होगी।

बनेगी मैकेनाइज्ड लॉंड्री

यूपीएचएसएसपी के अंतर्गत जिला अस्पताल में एक मैकेनाइज्ड लॉंड्री बनने जा रही है। हाईटेक प्रणाली पर बनाई जाने वाले इस लॉंड्री को विदेशी तर्ज पर शुरू किया जाएगा। विदेश से आनी वाली यह लॉंड्री मशीन में 500 से अधिक बेडशीट एक साथ धुल सकेंगी। जबकि ड्रायर के माध्यम से उनकों केवल पांच मिनट के भीतर सुखाया भी जा सकेगा। प्रोजेक्ट मैनेजर नुपूर सिंह ने बताया कि इस मैकेनाइज्ड लॉंड्री को स्पेशली हॉस्पिटल्स के लिए ही डिजाइन किया गया है।

ये होगी खाशियत

-500 से अधिक बेडशीट एक बार में धुल सकेंगी।

-एस्टीम के माध्यम से बेडशीट होंगी वॉश

-ड्रायर के माध्यम से पांच मिनट मे सुखाया जा सकेगा।

-प्रेस करने का भी होगी ऑटोमेटिक सिस्टम।

दिनों के हिसाब से बदलेगा रंग

नुपूर सिंह ने बताया कि कई बार मरीजों की बेडशीट न बदलने की शिकायत मिलती है। इन शिकायतों के आधार पर अब शीट कोड शुरू किया जा रहा है। अब प्रत्येक दिन नए कलर की बेडशीट बिछाई जाएगी, ताकि शीट न बदले जाने की शिकायत शून्य हो जाऐ। दिनों के हिसाब से कलर बदलते ही पुरानी बेडशीट का पता चल जाएगा।

मैकेनाइज्ड लॉंड्री के प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू होने जा रहा है। इससे साफ-सफाई से लेकर मरीजों की शिकायतों में कमी आएगी। दिनों के हिसाब से कलरफुल बेडशीट बिछाई जाएंगी।

-नुपूर सिंह, हॉस्पिटल मैनेजर यूपीएचएसएसपी