- बांकीपुर अंचल के बाहर बना दिया कचरा डंपिंग यार्ड

- डस्टबिन नहीं होने से सड़क पर फेंक रहे हैं लोग कचरा

PATNA(10 Oct):

पटना नगर निगम सफाई को लेकर कितना सजग है, यह बांकीपुर निगम कार्यालय के बाहर पड़ा कचरे का ढेर ही बता रहा है। निगम कार्यालय डंपिंग यार्ड बन गया है। वैसे सफाई को लेकर राज्य सरकार प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वर्ष 2016 के अंत से लेकर 2018 तक कचरा कलेक्शन के लिए हजारों डस्टबिन लगवाए गए। मगर कुछ माह में ही शहर के चौराहों से डस्टबिन गायब होने लगे। बाद में डोर-टू डोर कचरा कलेक्शन होने लगा। सड़कों पर डिजाइनर डस्टबिन लगे। इसके बावजूद कूड़ा-कचरा से शहर को मुक्त नहीं किया जा सका है।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में गुरुवार को शहर की प्रमुख सड़कों पर कूड़ा-कचरा और गंदगी की भरमार दिखी। कई जगह कूड़ा के आसपास आवारा पशुओं का जमावड़ा दिखा। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके चलते हादसे भी हो रहे हैं पर इसकी अनदेखी की जा रही है।

- 1.5 करोड़ रुपए से अधिक हो चुके हैं खर्च

शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए पटना नगर निगम अब तक बड़े डस्टबिन लगाने में 24 लाख रुपए व स्टील वाले डस्टबिन लगाने में तकरीबन 1.5 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। जगह-जगह करीब 400 डस्टबिन लगाए भी गए मगर सफाई का हाल बदहाल ही रहा।

- निगम ऑफिस के बाहर ही कचरे का अंबार

निगम के बांकीपुर अंचल के बाहर ही कचरा डंपिंग यार्ड बन गया है। जिस वजह से पूर्वी लोहानी पुर और राजेन्द्र नगर इलाके में रहने वाले लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों की मानें तो दुर्गध और बीमारी फैला रहे कचरे की वजह से इलाके के हर तीसरे घर में एक सदस्य बीमार है। इसकी शिकायत लोग निगम के आला अधिकारियों से कर चुके हैं बावजूद सुनने वाला कोई नहीं है।

- इन इलाकों में सबसे अधिक गंदगी

निगम की लापरवाही की वजह से शहर के राजेन्द्र नगर, पूर्वी लोहानीपुर, पोस्टल पार्क, मीठापुर एरिया सबसे अधिक गंदा है। स्थानीय लोगों की मानें तो डस्टबिन नहीं होने के चलते और कचरा कलेक्ट करने वाली गाड़ी के रोज नहीं आने के चलते लोग सड़क पर ही कचरा फेंक देते हैं जिस वजह से पूरा इलाका कचरे से पट जाता है।

- बीच सड़क पर फेंकते हैं कचरा

शहर से डस्टबिन गायब होने के चलते स्थानीय लोग बीच सड़क पर कचरा फेंक देते हैं। रियलिटी चेक करने के लिए डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के कई इलाकों का मुआयना किया जिसमें दुजरा, चिल्ड्रेन पार्क व कुर्जी की सड़कों का बदहाल दिखा। 517 करोड़ की लागत से बनने वाले बिहार म्यूजियम के पास लगे डस्टबिन को देखने वाला कोई नहीं है। डस्टबिन सड़क पर गिरा पड़ा है।

- सब्जियों की दुर्गंध से लोग होते हैं परेशान

शहर के मीठापुर सब्जी मंडी तिराहा के पास सब्जियों का ढेर लगा है रहता है। गया लाइन गुमटी के ऊपर से होते मीठापुर की तरफ उतरने वाले पुल के नीचे सब्जी मंडी भी है। सड़े गले सब्जियों की वजह से इलाके में दुर्गध है बावजूद पटना नगर में इन इलाकों में पर्याप्त सफाई नहीं कराती है।

डस्टबिन में पिछले कुछ साल में हुए खर्च

2016 - 400 डस्टबिन - 24 लाख

2017 - 400 डस्टबिन 1.5 करोड़

2018-19 डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत के बाद नहीं लगाए गए डस्टबिन। इस साल एक लाख घरों में डस्टबिन देने की योजना बनी।

कुछ ऐसा रहा डस्टबिन का हाल

2016 : शहर में हर चौक चौराहे पर टीन के बड़े 400 डस्टबिन लगाए गए। शहर फिर भी साफ नहीं हुआ।

2017 : इस साल प्रकाश पर्व को देखते हुए स्टील के सुंदर डस्टबिन पूरे शहर में लगवाए गए, लेकिन निगम इन डस्टबिनों की सुरक्षा नहीं कर पाया। सैकड़ों डस्टबिन गायब हो गए। इन डस्टबिनों की जानकारी न पार्षदों के पास है न ही अधिकारियों के पास।

2018-19 : इस बार योजना बनी कि शहर के सारे डस्टबिन हटा लिए जाएंगे और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया जाएगा। बीते वर्ष 2 अक्टूबर से यह शुरू भी हो गया। कुछ दिन बाद बैठक में फिर तय हुआ कि कचरा कलेक्शन के अलावा शहर के एक लाख घरों में डस्टबिन बांटे जाएंगे। गीले और सुखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन होंगे। इसके अलावा इस साल शहर में 2000 डिजाइनर डस्टबिन भी लगाए गए लेकिन ये डस्टबिन भी अब चौराहों से गायब हो रहे हैं।

- डस्टबिन भी बने कबाड़

निगम की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदा गया डस्टबिन अब निगम अंचलों के बाहर कबाड़ बन गया है। पुराने डस्टबिन को नगर निगम ने ऐसे डंप कर दिया है जिसमें जमा पानी से इलाके में मच्छर फैल रहे हैं। अंचलों के अलावा बेउर मोड़ के पास भी डस्टबिन का पहाड़ लगा हुआ है लेकिन निगम न तो हटाने में कोई दिलचस्प दिखा रहा है न ही रिसाइकिलिंग की कोई व्यवस्था कर रहा है।

इन इलाकों में दिखी सफाई

-राज भवन

-आईएएस क्वाटर

- एसकेपुरी

- पाटलिपुत्रा कॉलोनी

- शास्त्री नगर

वर्जन

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन शुरू होने के बाद डस्टबिन को हटा दिया गया है। रही बात कचरे की तो बांकीपुर अंचल से जल्द ही कचरा डंपिंग यार्ड को हटा दिया जाएगा। अगमकुंआ डंपिंग यार्ड बंद होने के बाद थोड़ी परेशानी हुई है। जल्द ही समस्या का निदान कर लिया जाएगा।

- देवेन्द्र तिवारी, उपायुक्त, पटना नगर निगम