- हाईकोर्ट ने दिया फैसला, निगम भंग करने पर लगाया स्टे

- कहा-जैसा चल रहा है, उसी तरह से चलाया जाए निगम

- विपक्षियों में खुशी की लहर, निगम में जमकर बंटी मिठाईयां

PATNA: फिलहाल नगर निगम भंग नहीं किया जाएगा। नगर निगम जिस तरह से चल रहा है, उसी तरह से चलाया जाए। दरअसल, नगर विकास के आदेश के खिलाफ नगर निगम की ओर से चालीस काउंसलर्स ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि किसी भी तरह से नगर निगम को भंग नहीं किया जाए। इसके बाद हाईकोर्ट की ओर से मंगलवार को स्टे लगा दिया गया है। इसकी सूचना मिलने के साथ ही नगर निगम मुख्यालय में लोगों विपक्षी काउंसलर्स की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। एक के बाद एक डिप्टी मेयर के चेंबर में आने वाले काउंसलर अपने साथ मिठाई लाएं और जमकर हाईकोर्ट के इस आदेश की सराहना भी की। इस दौरान मेयर व पक्ष सहित नगर विकास को भी जमकर खड़ी-खोटी सुनाई गई।

'करारा तमाचा लगा है'

हाईकोर्ट की ओर से लगाए गए स्टे के मामले पर डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से गवर्नमेंट की मंशा पर करारा तमाचा लगा है। वहीं, काउंसलर विनय पप्पू ने कहा कि मंत्री व चापलूस के ऊपर यह चोट है। सरकार की गलत मंशा को हाईकोर्ट ने समझ लिया और स्टे लगा दिया गया है। ये लोग कुछ बिल्डर को लाभ पहुंचाने की नियत से इस तरह का कदम उठा रहे थे। जानकारी हो कि नगर निगम को भंग करने के मामले के खिलाफ विपक्ष की ओर से लगातार प्रदर्शन और धरना का आयोजन कारगिल चौराहा से लेकर मौर्यालोक स्थित नगर निगम ऑफिस में किया गया था।

'काम नहीं कर पा रहा निगम'

दरअसल, दो सालों से काम नहीं करने के मामले पर सवाल उठाते हुए नगर विकास विभाग के मिनिस्टर ने सीएम से नगर निगम भंग करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद निगम के तमाम काउंसलर्स से सवाल भी पूछा गया था कि वो बताएं कि नगर निगम क्यूं न भंग कर दिया जाए। वहीं, विपक्ष अपनी बातों को रखने और इसके विरुद्ध कदम उठाते हुए लगातार धरना और प्रदर्शन में जुटे रहे थे।