पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बीबीसी हिंदी को बताया कि पुलिस अभी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रही है और इन धमाकों के पीछे के मक़सद का पता लगाने में जुटी है. उन्होंने बताया, "अभियुक्तों की योजना भगदड़ कराने और क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की थी."

झारखंड पुलिस ने भी इन धमाकों के सिलसिले में रांची से दो लोगों को हिरासत में लिया है.

स्थानीय पत्रकार नीरज सिन्हा ने रांची पुलिस के हवाले से बताया है कि वहां इम्तियाज़ के पिता कमालुद्दीन और भाई अख़्तर को हिरासत में लिया गया है.

मनु महाराज ने बीबीसी को बताया कि पटना पुलिस की एक टुकड़ी जाँच के लिए रांची भेजी गई है.

इस बीच धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है. पटना से स्थानीय पत्रकार मनीष शांडिल्य के मुताबिक़ पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक अमरकांत झा अमर ने बताया कि कल देर रात एक और शव अस्पताल में लाया गया.

उन्होंने बताया कि धमाकों में घायल हुए कुल 102 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था. इनमें से 38 का अब भी इलाज चल रहा है. घायलों में चार की हालत गंभीर है.

झारखंड पुलिस प्रवक्ता एडीजी एसएन प्रधान ने बताया कि राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया है और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

छापेमारी

पटना धमाकेः मुख्य अभियुक्त की ग़िरफ़्तारी का दावा

पटना के गांधी मैदान में हुए  धमाके गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से कुछ देर पहले हुए.

पटना पुलिस की सूचना पर रांची पुलिस ने रविवार देर रात धुर्वा थाना क्षेत्र में संदिग्ध लोगों के तीन ठिकानों पर छापा मारा.

हटिया की डीएसपी निशा मुर्मू ने बताया है कि धुर्वा थाना क्षेत्र के एथाकोचा गांव में संदिग्ध के ठिकाने पर मारे गए  छापे में डेटोनेटर, सीडी, उर्दू साहित्य, तस्वीरें, तार, कांच की गोलियां, पेन ड्राइव, हथौड़ी, केरोसिन तेल, विस्फोटक में इस्तेमाल करने वाले फ्यूज़ वग़ैरह मिले हैं.

इससे पहले धमाकों के बाद पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने कहा, "पुलिस मामले की जाँच कर रही है. हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. ख़ासकर ऐसी तारीख़ पर जब पटना में एक बड़ी रैली होनी थी. यह चिंता का विषय है कि बिहार में ऐसा हुआ.''

मुआवज़ा घोषित

पटना धमाकेः मुख्य अभियुक्त की ग़िरफ़्तारी का दावा

मुख्यमंत्री का कहना था, "जब पहला धमाका हुआ था, तो एक व्यक्ति को भागते देखा गया था, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उनके पास से कुछ सुराग़ मिले हैं, कुछ टेलीफ़ोन नंबर भी मिले हैं. रैली से एक दिन पहले एक सूटकेस गांधी मैदान से मिला था, लेकिन उसमें कुछ भी नहीं मिला था."

नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी घटना देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है, इसलिए सबको एकजुट होकर रहना चाहिए.

उन्होंने सबसे शांति की अपील की है. राज्य सरकार की तरफ़ से धमाके में मारे गए लोगों के परिजनों में से हरेक को पाँच लाख रुपए का मुआवज़ा देने की घोषणा की गई.

वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फ़ोन पर बात की है और उनसे धमाकों की जल्द जाँच करने को कहा है.

जांच टीम

पटना धमाकेः मुख्य अभियुक्त की ग़िरफ़्तारी का दावा

केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मुंबई में कहा कि एनएसजी और एनआईए की टीमें पटना भेजी गई हैं. बोध गया में धमाके के सिलसिले में टीम को भी पटना जाने को कहा गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ भाजपा ने कहा कि उसके समर्थक इन धमाकों से डरने वाले नहीं है. भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शिंदे और नीतीश से टेलीफ़ोन पर बात करके धमाकों पर चिंता जताई और ज़रूरी कदम उठाने को कहा.

धमाकों के बाद रैली में अफ़रातफ़री फैली, लेकिन मोदी ने तयशुदा कार्यक्रम के तहत भाषण दिया. भाषण के पहले आधे घंटे में मोदी ने धमाकों का ज़िक्र तक नहीं किया. अंत में उन्होंने कहा कि सब शांति से घर जाएं और सुरक्षित रहें.

बाद में ट्विटर पर उन्होंने लिखा, "पटना में हुए धमाके बेहद दुखदायी और दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मृतकों के परिवारों के साथ हमारी सहानुभूति है. मैं सबसे शांति की अपील करता हूँ."

इस बीच बिहार से भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने ट्वीट किया, "हमने अपनी चिंताओं के बारे में राज्य सरकार को लिखित में बता दिया था लेकिन इसके बावजूद ज़रूरी इंतजाम नहीं किए गए. यह आपराधिक लापरवाही है."

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