भारत आ सकता है उइगर कांग्रेस नेता

भारत ने विश्व उइगर कांग्रेस के नेता दोल्कुन इसा और तीन अन्य सदस्यों को भारत आकर तिब्तियन धर्मगुरू दलाई लामा से मिलने के लिए भारतीय वीजा जारी कर दिया है। चीन ने एक तरह से दोल्कुन के भारत आने को लेकर वैसी ही प्रतिक्रिया दी है जैसा कि भारत सरकार ने मौलाना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को अटकाने के लिए चीन को लेकर दी थी। बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने उइगर नेता को मिले आमंत्रण को लेकर फिलहाल अनभिज्ञता जताई है और मामले को देखने का आश्वासन दिया है। हालांकि खुद इसा भारत की यात्रा करने को लेकर फिलहाल बहुत उत्सुक नहीं दिख रहे हैं।

चीन इसा को मानता है आतंकी

इसा फिलहाल जर्मनी में रहते हैं लेकिन वह विश्व उइगर कांग्रेस नाम से एक संस्थान के सचिव है। यह संस्थान दुनिया भर में उइगर लोगों के अधिकारों और उनकी आजादी के मुद्दों को लेकर जागरुकता फैलाती है। दरअसल जर्मनी स्थित उइगर कार्यकर्ता दोल्कुन इसा चीन की सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है जिसे भारत सरकार ने इस महीने की अंत में धर्मशाला में होने वाले सम्मेलन के लिए वीजा दे दिया है। चीन उन्हें सिर्फ आतंकवादी ही नहीं मानता बल्कि अपने उत्तरी पश्चिमी प्रांत पर स्थित उघर प्रांत में अलगावादी आंदोलन चलाने के लिए उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी करा रखा है।

चीन से बाहर चलता है वर्ल्ड उइगर कांग्रेस

माना जा रहा है कि इसा समेत कुछ अन्य उइगर नेताओं को भारत ने एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आने और दलाई लामा से मिलने की अनुमति दी है। इस बारे में चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इसा के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस चीन की पुलिस व इंटरपोल ने जारी कर रखा है और इसका पालना करना हर देश का काम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मीडिया में इस बारे में जो रिपोर्ट छपी है उस पर ध्यान दिया गया है। लेकिन उन्होंने फिलहाल सही जानकारी नहीं होने की बात करते हुए कहा कि वह इस बारे में तथ्य जुटा रहे हैं। वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के सदस्य डोलकुन इसा पर चीन के झिंगजियांग में आतंक फैलाने का आरोप है। उइगर ग्रुप चीन के बाहर से चलता है। दोल्कुन के खिलाफ इंटरपोल और चीन की पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है।

धर्मशाला सम्मेलन के लिए आ सकता है इसा

दोल्कुन इसा को भारत सरकार ने 28 अप्रैल से 1 मई तक धर्मशाला में होने वाले सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है। इस सम्मेलन में दुनियाभर में रहने वाले चीनी कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे और चीन में लोकतंत्र की बहाली को लेकर चर्चा करेंगे। चीन में अलगाववादी कहे जाने वाले बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा के भी सभा को संबोधित करने की उम्मी है। दुनिया भर से निर्वासित चीनी कार्यकर्ताओं चीन में लोकतांत्रिक संक्रमण पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा करेंगे।

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